लखनऊ (ब्यूरो)। एक बार फिर से बिजली दरों को लेकर उपभोक्ता परिषद की ओर से घेराबंदी शुरू कर दी है। परिषद की ओर से नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल करते हुए दरों में कमी किए जाने संबंधी मांग उठाई गई है। प्रदेश की बिजली कंपनियों द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता को विद्युत नियामक आयोग द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद प्रदेश की बिजली कंपनियों ने बिजली दरों में न तो वर्ष 2024-25 के गैप 11203 करोड़ के एवज में बढ़ोत्तरी प्रस्ताव दाखिल किया और न ही सरप्लस 33122 करोड़ के एवज में दरों में कमी का। जिस पर उपभोक्ता परिषद विद्युत नियामक आयोग पहुंच गया और दरों में कमी किए जाने संबंधी प्रस्ताव दाखिल किया।

5 साल तक मिले उपभोक्ताओं को लाभ

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार, सदस्य बीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं का सरप्लस 33122 करोड़ निकल रहा है। ऐसे बिजली दरें नहीं बढ़नी चाहिए बल्कि दरों में और कमी की जानी चाहिए। आयोग द्वारा निकाले गए उपभोक्ताओं के सरप्लस 33122 करोड़ के एवज में एक मुश्त 40 प्रतिशत अथवा बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण अगले 5 वर्षों तक 8 प्रतिशत रेगुलेटरी लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए। नियामक आयोग के चेयरमैन अरविंद कुमार ने भरोसा दिया है कि हर बिंदु पर विचार किया जाएगा।