लखनऊ (ब्यूरो)। गर्मी का मौसम अभी पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है लेकिन आशंका है कि इस बार यूपी में बिजली की डिमांड सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 31 हजार मेगावाट तक पहुंच सकती है। यह पूर्वानुमान केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए जारी किए गए पूर्वानुमानित बिजली की पीक डिमांड में व्यक्त की गई है। उपभोक्ता परिषद की ओर से तत्काल डिमांड के अनुरूप व्यवस्था किए जाने की मांग उठाई गई है।

सर्वाधिक पीक डिमांड

अनुमान है कि उत्तर भारत में प्रचंड गर्मी आने वाली है। ऐसे में गर्मी बढ़ते ही बिजली की मांग एकाएक बढ़ जाएगी। भारत सरकार केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा जो वर्ष 2024-25 के लिए अलग-अलग माह के हिसाब से पूर्वानुमानित बिजली की पीक डिमांड आंकलित की गई है। सितंबर 2024 में सर्वाधिक 31 हजार 917 मेगावाट पीक डिमांड अनुमानित की गई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि वर्ष 2024 में प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां सितंबर 2024 में बिजली की पीक डिमांड अनुमानित है।

इस तरह समझें

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि भारत सरकार केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा जो पूर्वानुमानित पीक डिमांड माह के हिसाब से अनुमानित की गई है।

मंथ डिमांड

अप्रैल 25379 मेगावाट

मई 28291 मेगावाट

जून 29853 मेगावाट

जुलाई 30581 मेगावाट

अगस्त 31585 मेगावाट

सितंबर 31917 मेगावाट

28500 मेगावाट का ही इंतजाम

परिषद अध्यक्ष ने कहाकि वर्तमान में ओबरा सी और जवाहरपुर की एक मशीन को जोड़ लिया जाए तो लगभग 28 हजार 500 मेगावाट का बिजली इंतजाम नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में अभी से बिजली की उपलब्धता बढ़ाए जाने पर फोकस किया जाना होगा। यदि भारत सरकार केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा पूर्व अनुमानित पीक डिमांड सही साबित हुई तो प्रदेश में बिजली की उपलब्धता पर जोर देना होगा। उपभोक्ता परिषद ने वर्ष 2024-25 के लिए जो अपना आंकलन जारी किया है वह पीक लगभग 32000 मेगावाट के करीब है।

गहरा सकता है बिजली संकट

अगर डिमांड के अनुरूप बिजली की सप्लाई नहीं की गई तो साफ है कि उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। पिछले साल भी 29 हजार मेगावाट तक बिजली की डिमांड पहुंच चुकी है। हालांकि ऊर्जा विभाग की ओर से डिमांड के अनुरूप सप्लाई किए जाने को लेकर कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। पहले ही दावा किया जा रहा है कि इस बार डिमांड के अनुरूप सप्लाई की जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि सही स्थिति पीक डिमांड के दौरान ही सामने आएगी।