लखनऊ (ब्यूरो)। कला, संस्कृति और विरासत के इस महासंगम में इस क्रम में मंगलवार को इंदौर से आमंत्रित पद्मश्री पुरु दाधीच का कथक नृत्य, लखनऊ के हिमांशु बाजपेई की किस्सागोई, मुंबई की आकांक्षा त्रिपाठी का गायन और जालंधर के अनादि मिश्रा का सूफी गायन आकर्षण का केंद्र बना। बांदा से आए लोक कलाकार रमेश पाल के दल ने पाई डंडा लोक नृत्य पेश कर आगंतुकों का स्वागत किया।

हेरिटेज वॉक का आयोजन
सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ। शोभित कुमार नाहर, लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी और भातखंडे सम विश्वविद्यालय की पूर्व वीसी डॉ। पूर्णिमा पांडेय ने किया। दूसरे दिन भोर में हेरिटेज वॉक का आयोजन हजरतगंज में इतिहासकार रवि भट्ट के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के साथ प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम, अभिनेता डा। अनिल रस्तोगी सहित अन्य विशिष्ट जन उपस्थित रहे। इसमें इतिहासकार रवि भट्ट ने कई जानकारियां दीं।

प्रस्तुतियों ने मोहा मन
संध्या कालीन सांस्कृतिक सत्र में इंदौर के पद्मश्री पुरु दाधीच ने रामायण पर पर आधारित प्रेरक कथक प्रस्तुति दी। कौशिक बसु की संगीत रचना में पाश्र्व स्वर प्रत्युष दाधीच का रहा। लखनऊ के हिमांशु बाजपेई ने लखनऊ के नवाबों से लेकर रिक्शे और दर्जी तक के प्रसंग सुनाए। वहीं अवध के नवाब वाजिद अली शाह, कथकाचार्य पद्म विभूषण पं। बिरजू महाराज से लेकर मजाज लखनवी तक के कई किस्से सुनाए। मुंबई की आकांक्षा त्रिपाठी ने सूफी गायन के अंतर्गत जुगनी जी, सइयां मिले लड़कइयां सुनाया तो परिसर तालियों से गूंज उठा। अंत में अनादि मिश्रा के सूफी गायन ने शाम को परवान पर पहुंचाया।