लखनऊ (ब्यूरो)। डीसीपी पश्चिम डा दुर्गेश कुमार ने बताया कि अलविदा की नमाज को लेकर तीन एडीसीपी, छह एसीपी, 23 इंस्पेक्टर, 230 दारोगा, 10 महिला दारोगा, 650 मुख्य आरक्षी, 120 महिला सिपाही, 8 कंपनी पीएसी, 2 कंपनी अर्ध सैनिक बल, एक टीम ड्रोन कैमरा, 14 घुड़सवार समेत अन्य इंतजाम किए गए। मस्जिदों के बाहर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा। ड्रोन कैमरे के साथ इबादतगाहों में तकरीरों पर भी निगरानी रखी गई। गुरुवार रात से ही टीले वाली मस्जिद, ईदगाह व अन्य इबादतगाहों के पास बैरिकेडिंग लगाई गई थी। मार्गो को डायवर्ट किया गया।

मार्गों पर रेंगते रहे वाहन
ट्रैफिक पुलिस ने अलविदा की नमाज को लेकर सुबह 10 से समापन तक पुराने शहर के कई मार्गों में रूट डायवर्जन कर वैकल्पिक मार्गों का चयन किया था। सुबह वैकल्पिक मार्गों पर वाहन रेंगते रहे। डालीगंज रेलवे क्रासिंग ओवरब्रिज से निरालानगर आईटी चौराहा के बीच जाम में लोग फंसे। पक्कापुल से पहले तिराहा से बंधा रोड और नए पुल पर वाहनों की लंबी लाइनें दिखीं। चौक के कोनेश्वर मंदिर चौराहे से दाहिने चौक चौराहा, मेडिकल कॉलेज चौराहा पर वैकल्पिक मार्ग पर ट्रैफिक का काफी दबाव दिखा। मेडिकल कॉलेज, शाहमीना तिराहा या नीबू पार्क चौराहे से नया पुल से राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

नमाज में मांगी अमन-शांति की दुआ
बैतुल मुकद्दस और किब्ला अव्वल जैसी मुबारक जगहों पर अमेरिकी सरकार की साजिशों से इजराइलियों ने कब्जा कर रखा है। उन्होने फिलिस्तीन के निवासियों पर जुल्म व सितम के पहाड़ तोड़ रखे हैं। जिसका उदाहरण पूरी दुनिया में नहीं मिलता। वह निर्दोष फिलिस्तीनी मुसलमानों का कत्ल-ए-आम कर रहे हैं। इन बातें शुक्रवार को इमाम ईदगाह व काजी-ए-शहर लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में अलविदा की नमाज से पहले बताईं।

विशेष दुआ की गई
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि खुदा पाक की यह बहुत बड़ी मेहरबानी है कि उसने हम सब को रमजान के रोजे रखने और तरावीह पढऩे की तौफीक दी। इस दौरान उन्होंने पूरी दुनिया के मुसलमानों की जान व माल, इच्जत व आबरू की सुरक्षा और उनकी प्रगति सुख समृद्धि की विशेष दुआयें कीं।