लखनऊ (ब्यूरो)। पुलिस पिछले 14 महीने में 14 बार बैंक के माध्यम से फेक करेंसी पकड़ चुकी है, इसके बाद भी सप्लायर्स पुलिस की पहुंच से दूर हैं। इतना ही नहीं, फेक करेंसी के केसों में चार्जशीट तक दाखिल नहीं हो सकी है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 14 महीने में आरबीआई करेंसी चेस्ट से 5.91 लाख की फेक करेंसी मिली है। इनमें 2000, 500, 200, 100, 50 और 20 के नोट शामिल हैं। हर माह आरबीआई की करेंसी चेस्ट से औसतन 49 हजार रुपये के फेक करेंसी मिल रही है। एक्सपर्ट की माने तो, बैंकों के एटीएम करेंसी चेस्ट से जाली नोट निकलने के बाद कस्टमर इन्हें बैंक शाखा को वापस करते हैं, जिसे बैंक शाखाओं से आरबीआई भेजा जाता है। आरबीआई को इसके बदले असली नोट संबंधित बैंक को अदा करने पड़ते हैं।

महानगर थाने में दर्ज हैं केस
एडीसीपी सेंट्रल जोन मनीषा सिंह का कहना है कि महानगर थाने को फेक करेंसी केस रजिस्टर्ड का नोडल थाना बनाया गया है। हर माह आरबीआई के सहायक प्रबंधक की ओर से महानगर थाने में फेक करेंसी के केस दर्ज कराए जाते हैं। सभी मामलों की विवेचना की जा रही है, लेकिन अब तक पुलिस जाली करेंसी का खेल करने वाले लोगों को चिंहित नहीं कर सकी है। मामले लंबित पड़े हैं।

कई मामलों में लगी एफआर
एडीसीपी के मुताबिक, आरबीआई की तरफ से दर्ज कराए गए केसों के जांच में पुलिस ने हर एंगल पर जांच की है, लेकिन अबतक इसका मास्टर माइंड पकड़ा नहीं जा सका है। जिस वजह से मजबूरन पुलिस को इन मामलों में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगानी पड़ी है।

कब कितनी पकड़ी गई फेक करेंसी
2023 नोट रुपये
जनवरी 154 16,250
फरवरी 56 5420
मार्च 99 13,110
अप्रैल 132 27,710
मई 98 14,100
जून 235 18,970
अगस्त 76 3,710
सितम्बर 24 10,350
अक्टूबर 99 12,862
नवम्बर 91 59,690
दिसम्बर 100 58,720

2024 नोट रुपये
जनवरी 138 1,63,250
फरवरी 53 56,500
मार्च 144 1,31,200