लखनऊ (ब्यूरो)। आजकल के ट्रेंड को फॉलो करते हुए तो कई बार शौक में लोग बड़ी संख्या में टैटू बनवा रहे हैं। जिसमें युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। हालांकि, कई बार टैटू से मन भर जाने, नौकरी की बंदिश, ब्रेकअप होने या अन्य कारणों के चलते लोग अपना टैटू हटवाने के भी अनेक उपाय खोजने लगते हैं, जिसका खर्च टैटू बनवाने से कई गुना अधिक होता है। हालांकि, यहां यह जानना जरूरी है कि अनसर्टिफाइड लोगों से टैटू हटवाने से स्किन इंफेक्शन से लेकर अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, टैटू हमेशा सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट से ही हटवाना चाहिए, जो लेजर सर्जरी के माध्यम से होता है।

युवा करवा रहे सबसे ज्यादा टैटू रिमूव

राजधानी में टैटू बनवाने का चलन काफी तेजी से बढ़ चला है। पर बड़ी संख्या में लोग खासतौर पर युवा इसे हटवा भी रहे हैं। इसपर होने वाला खर्च टैटू के प्रकार, आकार, टैटू कैसे बनाया गया आदि पर निर्भर करता है। टैटू आर्टिस्ट अभिनव कश्यप बताते हैं कि टैटू हटवाने का भी चलन काफी बढ़ गया है, जिसमें सबसे ज्यादा युवा शामिल होते हैं। इसके पीछे अमूमन तीन-चार कारण होते हैं। पहला यह कि बचपन में मेले में टैटू बनवा लिया, पर बड़े होने पर वो पसंद नहीं आया और उसकी जगह दूसरा बनवाना है। दूसरा यह कि बचपन में टैटू बनवाया लेकिन बड़े होने पर ऐसी जॉब में जाना होता है जहां टैटू की इजाजत नहीं होती, जिसके कारण लोग टैटू रिमूव करवाने के लिए आते हैं।

ब्रेकअप के बाद हटवा रहे नाम

टैटू आर्टिस्ट अभिनव के मुताबिक, इसके अलावा कई युवा ऐसे आते हैं जो पहले किसी रिलेशनशिप में होते हैं और अपने पार्टनर का नाम लिखवा लेते हैं। पर बाद में रिलेशन टूटने पर उसे हटवाने के लिए आते हैं। इनकी संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। हमारे यहां हर माह 8-10 लोग टैटू हटवाने आते हैं, जिनको हम डर्मेटोलॉजिस्ट के पास रेफर करते हैं, क्योंकि टैटू आर्टिस्ट इसे अच्छे और सेफ्टी के साथ नहीं हटा सकते। लोगों को भी टैटू रिमूव करवाने के लिए सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट के पास ही जाना चाहिए क्योंकि इसके लिए लेजर सर्जरी करवानी होती है।

इंफेक्शन का रहता है खतरा

केजीएमयू में डर्मेटोलॉजी विभाग की डॉ। पारूल वर्मा ने बताया कि टैटू रिमूवल के लिए केवल लेजर सर्जरी ही करानी पड़ती है। जिसे किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से ही करवाना चाहिए। ऐसा नहीं करने से पिगमेंटेशन, स्कार या पूरा टैटू न हटना आदि समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, अगर टैटू बनवाने वाले पर्मानेंट टैटू बनवाते हैं, लेकिन हायजीन का ध्यान नहीं रखते तो इंफेक्शन, टैटू ग्रैैन्यूलोमा आदि की समस्या हो सकती है। कई बार लोगों में टैटू या इंक से भी रिएक्शन हो सकता है। ओपीडी में इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं।

लेजर या स्किन ग्राफ्टिंग ही ऑप्शन

डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ। अरशद अली बताते हैं कि टैटू रिमूवल के लिए यूथ ज्यादा आ रहा हैं। इस बात का ध्यान रखें कि क्रीम से कोई टैटू रिमूव नहीं होता है। क्योंकि टैटू हार्ड इंक से सेकेंड लेयर ऑफ स्किन में होता है। ऐसे में क्रीम के यूज से रिएक्शन तक हो सकता है। टैटू हटवाने के लिए लेजर सर्जरी या स्किन ग्राफ्टिंग ही करवाई जा सकती है। जहां लेजर का खर्च 5-10 हजार रुपये टैटू की डिजाइन, साइज और इंक के अनुसार ज्यादा हो सकता है। जो 5-7 सिटिंग यानि दो-तीन माह में होती है। वहीं, स्किन ग्राफ्टिंग करवाने का खर्च 30-40 हजार रुपये पड़ता है, जो 4-5 दिन में हो जाता है।

टैटू रिमूविंग में हायजीन का ध्यान न रखने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही पिगमेंटेशन, स्कार और रेशेज तक हो सकते हैं इसलिए टैटू रिमूवल में बेहद सतर्क रहना चाहिए।

-डॉ। पारूल वर्मा

टैटू रिमूवल केवल लेजर सर्जरी और स्किन ग्राफ्टिंग से ही होता है। इसके लिए कोई क्रीम नहीं आती है। केवल क्वालीफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट से ही टैटू रिमूव करवाना चाहिए।

-डॉ .अरशद अली, डर्मेटोलॉजिस्ट

टैटू रिमूवल के लिए युवा सबसे ज्यादा आते हैं, जो अपने पार्टनर का नाम या खराब टैटू हटवाने आते हैं। इसे किसी अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट से ही हटवाना चाहिए।

-अभिनव कश्यप, टैटू आर्टिस्ट