लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीयों में विटामिन-डी की कमी पहले से ही रहती है, जिसकी बड़ी वजह लोगों का धूप न सेंकना है। इतना ही नहीं, लोग जब बाहर धूप में निकलते हैं तो सनस्क्रीन लगाने के अलावा पूरी बांह के कपड़े भी पहन लेते हैं। जिससे शरीर को डायरेक्ट सूर्य की रौशनी नहीं मिलती है। ऐसे में विटामिन डी की समस्या और बढ़ जाती है। यह जानकारी केजीएमयू द्वारा इंटरनेशनल जार्जियन मीट में यूके से आईं डॉ। इरा पांडेय ने ऑस्टियोपोरोसिस-एक मूक महामारी विषय पर व्याख्यान देते हुए दी।

लगातार बढ़ रहे केस

डॉ। इरा ने बताया कि 50 वर्ष की उम्र से अधिक की हर तीन महिलाओं में एक और हर पांच पुरुषों में एक ऑस्टियोपोरेसिस की समस्या से पीड़ित है। उन्होंने बताया कि 2010 में हुई एक स्टडी के अनुसार, एशिया में बीते तीन दशकों में ऑस्टियोपोरोसिस के मामले तीन गुना तक बढ़ गये हैं। इसमें खासतौर पर चीन और भारत में मामले सबसे अधिक हैं। इसकी बड़ी वजह लोगों की खराब लाइफस्टाइल, खानपान, जनसंख्या और औसत आयु में वृद्धि होना आदि है। विटामिन डी की कमी के कारण इसके केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यह अब कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रही है।

सनस्क्रीन लगा लेते हैं

आजकल लोग पहले के मुकाबले धूप नहीं सेंकते हैं। इसके अलावा बाहर निकलते वक्त सनस्क्रीन लगाते हैं और पूरी बाह के कपड़ों के अलावा, हाथों में ग्लव्ज पहन और मुंह ढंककर निकलते हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं मिल पाती है। ऐसे में नेचुरल स्रोत से मिलने वाले विटामिन डी की कमी और बढ़ जाती है। वहीं, एक्सरसाइज न करना, खाने-पीने में कैल्शियम की कमी, अल्कोहल का सेवन और पॉल्युशन के कारण भी ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या बढ़ रही है।

हिप फ्रैक्चर हो रहा

डॉ। इरा के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 20 पर्सेंट लोगों में हिप फ्रैक्चर की शिकायत हो रही है। इसमें करीब 25 पर्सेंट पेशेंट का करीब 12 माह के भीतर ही दूसरा हिप फ्रैक्चर हो जा रहा है। जिससे उनकी लाइफ एक्सपेक्टेंसी भी काफी कम हो जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है।

बचाव बेहद जरूरी

उन्होंने आगे कहा कि चूंकि ऑस्टियोपोरोसिस का कोई लक्षण नहीं होता है। ऐसे में बोन फ्रैक्चर होने के बाद ही इस बीमारी का पता चलता है। लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी को प्रचुर मात्रा में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। अगर कैल्शियम और विटामिन डी की कमी है तो डॉक्टर की सलाह से दवा लेनी चाहिए।