लखनऊ (ब्यूरो)। शारदा नगर योजना अंतर्गत आश्रयहीन भवन संख्या ई 402 में रहने वाली प्रतिभा पांडेय के चेहरे पर करीब 25 साल बाद खुशी बिखरी है। इसकी वजह है चक्रवृद्धि ब्याज माफ किए जाने से रजिस्ट्री कराने का रास्ता साफ होना। यह तो महज एक उदाहरण है लेकिन हकीकत यह है कि एलडीए के छोटे मकानों और दुकानों पर चक्रवृद्धि ब्याज समाप्त किए जाने से 10 हजार से अधिक आवंटियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। पढ़ें अभिषेक मिश्रा की रिपोर्ट

लंबे समय से था इंतजार

हजारों आवंटियों की ओर से लंबे समय से चक्रवृद्धि ब्याज समाप्त किए जाने संबंधी व्यवस्था का इंतजार किया जा रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए एलडीए प्रशासन की ओर से ईडब्ल्यूएस, एलआईजी व 20 वर्गमीटर तक की दुकानों पर चक्रवृद्धि समाप्त करने का प्रस्ताव बोर्ड से पारित कराया गया था और अब इसका लाभ आवंटियों को मिलने लगा है। एलडीए की ओर से रजिस्ट्री कैंप तक लगाया गया है, जिससे ऐसे आवंटी अपने छोटे मकान की रजिस्ट्री करा सकें, जिनकी बकाया धनराशि पर चक्रवृद्धि ब्याज लगा हुआ है।

अभी लगाने पड़ते थे चक्कर

ऐसे आवंटी, जिनकी बकाया राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज लगा होता था, वो राहत पाने के लिए एलडीए के चक्कर काटते रहते थे, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाती थी। इसकी वजह से उनके आवास की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। गुजरते वक्त के साथ आवंटियों की अपने आवास में रहने की उम्मीदें भी धूमिल होती जा रही थीं, लेकिन एलडीए द्वारा चक्रवृद्धि ब्याज माफी का निर्णय लिए जाने और रजिस्ट्री शिविर लगाए जाने से आवंटियों को खासी राहत मिलती नजर आ रही है।

10 हजार के करीब आवंटी

एलडीए प्रशासन की माने तो करीब 10 हजार आवंटियों के अपने आवास या दुकान का सपना पूरा होने जा रहा है। ऐसे आवंटियों की ओर से क्वेरी करना भी शुरू कर दिया गया है। उनके प्रपत्रों की जांच की जा रही है और सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद रजिस्ट्री संबंधी कार्रवाई पूरी की जाएगी। एलडीए प्रशासन का कहना है कि अभी रजिस्ट्री कैंप लगातार आयोजित किया जाता रहेगा, जिससे आवंटियों को लाभ मिलता रहे। अगर किसी आवंटी को कोई समस्या आती है तो प्राधिकरण की ओर से हर एक समस्या को दूर किया जाएगा।

कईयों को नोटिस भी होगी जारी

एलडीए की ओर से इतनी सुविधा दिए जाने के बाद भी अगर कोई आवंटी बकाया राशि जमा नहीं करता है तो उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। अभी तक दो हजार से अधिक ऐसे आवंटी चिन्हित किए गए हैैं, जो लंबे समय से संपत्ति की बकाया राशि जमा नहीं कर रहे हैैं। अगर नोटिस मिलने के बाद भी आवंटी की ओर से बकाया राशि जमा नहीं की जाती है तो उनके खिलाफ संपत्ति निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

चक्रवृद्धि ब्याज माफ होने से करीब 10 हजार से अधिक आवंटियों को राहत मिलने जा रही है। लंबे समय के बाद उनके अपने आवास का सपना पूरा होगा। उनकी सुविधा के लिए रजिस्ट्री शिविर भी लगाया गया है। जिससे आवंटियों को परेशान न होना पड़े।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए