लखनऊ (ब्यूरो)। यूपीएससी की इंडियन स्टेटिस्टिक्स सर्विसेज के एग्जाम में एलयू के पांच स्टूडेंट्स ने सफलता हासिल की है। इस एग्जाम में यूपीएससी ने कुल 33 कैंडीडेट्स को सिलेक्ट किया है। अग्रिमा रस्तोगी ने चौथी रैंक हासिल कर लखनऊ में टॉप किया। सीएमएस चौक से पढ़ाई करने वाली अग्रिमा ने यूपी व पीजी एलयू से किया है। मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स की निबंध लिखने पर उन्हें तीसरा पुरस्कार भी मिल चुका है। अग्रिमा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देती हैं। उनके पिता ब्रजेश कुमार रस्तोगी बिजनेसमैन और मां मीनाक्षी रस्तोगी हाउसवाइफ हैं।

पिता गार्ड बेटा बना अफसर

एलयू के प्रवक्ता प्रो। दुर्गेश कुमार ने बताया कि लखनऊ यूनिवर्सिटी से आईएसएस की परीक्षा में सिलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स मे नयन दीप गुप्ता, सौम्या मिश्रा, अंकित यादव और रेखा गुप्ता शामिल हैं। एलयू के प्रॉक्टर ऑफिस के बाहर गार्ड सुरेश कुमार यादव के बेटे अंकित यादव ने 25वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार का नाम रोशन किया। छात्रों की सफलता पर एलयू के कुलपति प्रो। आलोक कुमार राय ने सबको बधाई दी। उन्होंने कहा कि एलयू के लिए यह गर्व का विषय है कि सांख्यिकी सेवाओं के क्षेत्र में हमारा बेहतरीन टैलेंट शामिल हो रहा है।

62 फीसदी ने बताया 2024 में बेहतर होगा साल

लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। आलोक कुमार राय, और डॉ। संदीप गोयल, अध्यक्ष एवं एमडी, रिडिफ्यूजन, मुंबई ने एक सर्वे कराया। इस सर्वे में साल 2024 में भारत की उम्मीदों से जुड़े सवाल पूछे गए थे। 62 फीसदी ने 2024 के लिए सकारात्मक भावनाएं व्यक्त कीं। उनके मुताबिक, देश में राष्ट्रीय प्रगति, प्रौद्योगिकी उन्नति और आर्थिक विकास इसका एक बड़ा कारण है। सर्वे करने वालों में से आधे से अधिक लोगों को उम्मीद है कि उनका व्यक्तिगत विकास देश की आर्थिक वृद्धि के अनुरूप होगा। देशवासियों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी प्रगति आकर्षण और आशावाद के निर्माण का केंद्र बन गई है। इसके अलावा उद्यमी सुर्खियों में हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है। सर्वे के मुताबिक, विवाहित भारतीय अविवाहित लोगों की तुलना में व्यक्तिगत विकास और भविष्य की संभावनाओं के प्रति अधिक आशावादी दिखे। आशावाद के बावजूद, व्यक्तिगत जीवन में स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और युद्ध को वैश्विक चिंताओं के रूप में संकट के बिंदुओं के रूप में लिया गया। रिपोर्ट में छात्रों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों, उद्यम मालिकों और गृहिणियों के को शामिल किया गया। यह सर्वे दिसंबर 2023 के अंतिम सप्ताह और जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में अलग-अलग समूहों में देश के 1565 नागरिकों पर केंद्रित रहा।