लखनऊ (ब्यूरो)। जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर का कहना है कि जिन चालकों के वेरिफिकेशन बीस हजार के बाद होंगे, उनको शहर के आउटर क्षेत्र में ई-रिक्शे को चलाने की परमीशन दी जाएगी। ई-रिक्शा वेरिफिकेशन के लिए ऑनलाइन सिस्टम भी शुरू कर दिया गया है, ताकि सभी रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन हो सके।

इसलिए शुरू की गई व्यवस्था
जेसीपी लॉ एंड आर्डर उपेंद्र कुमार अग्रवाल के मुताबिक, शहर में जाम और हादसों के तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं। इसमें सबसे पहले ई-रिक्शा, स्ट्रीट वेंडर्स और फिर शहर के बीच होकर गुजरने वाले रोडवेज बसें होती है, लेकिन इन तीनों में भी सबसे बड़ा कारण ई रिक्शा ही हैं। इन तीनों ही कारणों से ट्रैफिक व्यवस्था अक्सर चरमराई रहती है। आंकड़े बताते हैं कि शहर में सबसे अधिक करीब 48 से 50 हजार ई-रिक्शा बेलगाम हर जगह दौड़ते हैं, जिससे जाम लगता है और लोग परेशान भी होते हैं। अगर इन बेलगाम ई रिक्शा पर लगा दिया जाए तो शायद हादसों पर कंट्रोल पाया जा सकता है।

20 हजार फार्म हुए जमा
पुलिस एक्ट की अलग-अलग धाराओं में एक जनवरी 2024 से नई व्यवस्थाएं लागू की गई थीं। जिनके तहत 31 जनवरी तक शहर के सभी ई-रिक्शा चालकों को पुलिस से अपना वेरिफिकेशन कराना था। इसके लिए 1 से 10 जनवरी तक थानों में फ्री फार्म दिए गए थे। तकरीबन 40 हजार बांटे गए। ई-रिक्शा चालकों को इन फार्मों को भरकर शहर के किसी भी थाने में जमा करना था, लेकिन अबतक बीस हजार के करीब ही फॉर्म जमा कराए गए हैं।