लखनऊ (ब्यूरो)। शहर की सड़कों पर रैश ड्राइविंग करना अब आम बात होती जा रही है। इससे आए दिन सड़क हादसे होने का खतरा भी मंडराता रहता है। हालांकि, इसपर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने भी कई इंतजाम किए हैं, जिनमें स्पीड गन कैमरा, ब्रेथ एनालाइजर वगैरह शामिल हैं। हालांकि, ये चीजें कितनी कारगर साबित होती हैं, ये बात किसी से छिपी हुई नहीं है। फिलहाल यातायात माह चल रहा है, जिसके चलते इन इक्विप्मेंट्स का यूज किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि साल के बाकी महीनों में इनका इस्तेमाल न के बराबर ही होता है।

स्पीड रोकने के लिए एक्शन प्लान

वाहन चलाने के दौरान अक्सर लोगों के मन में ख्याल आता है कि ज्यादा स्पीड से गाड़ी चलाने पर पुलिस कहीं पकड़ न लें। ऐसा कई बार होता भी है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस के लिए हर जगह फोर्स लगा पाना मुमकिन भी नहीं होता है। ऐसे में इसपर अंकुश पाने के लिए पुलिस ने स्पीड गन कैमरा की व्यवस्था की है, जिन्हें शहर के कई मुख्य मार्गों पर लगाया गया है। इनमें 1090 चौराहे से लेकर शहर के तमाम चौराहे शामिल हैं, जहां तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने वाले अकसर ट्रैफिक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन जाते हैं।

7 जगहों पर फोकस

ट्रैफिक पुलिस के एक आंकड़ों के मुताबिक, शहरभर में लगभग 520 से अधिक चौराहे हैं। इनसे कनेक्ट होने वाले ऐसे कई मार्ग हैं, जहां पर सबसे ज्यादा रैश ड्राइविंग होती है, जिससे आए दिन यहां सड़क हादसे होते हैं। हालांकि, इससे निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने शहर के अलग-अलग एरिया में कुल सात जगहों को चिन्हित कर स्पीड गन कैमरा लगाया है। यहां पर चालान भी काटे जा रहे हैं, लेकिन उसका कोई खास रिजल्ट नहीं दिख रहा है। इसकी वजह से आए दिन शहर की सड़कों पर तेज रफ्तार की वजह से हादसे हो रहे हैं।

सिर्फ एक ही स्पीड गन

हैरानी की बात है कि ट्रैफिक पुलिस के पास सिर्फ एक ही स्पीड गन है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तब किया जाता है, जब उच्च अधिकारियों का आदेश होता है। ज्यादातर वक्त पर इस स्पीड गन से आउटर रोड पर रैश ड्राइविंग करने वाले वाहन चालकों का चालान काटा जाता है।

200 से अधिक बाइक सीज

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में 200 अधिक लोगों की बाइक को रैश ड्राइविंग करने पर सीज किया गया है। इनमें से कई लोग ऐसे भी है, जो रैश ड्राइविंग कर रेस लगाते हुए भी पाए गए। इसके अलावा, रैश ड्राइविंग करते हुए 1400 से अधिक गाड़ियों के चालान काटे गए। ट्रैफिक एडीसीपी अजय कुमार ने बताया कि रैश ड्राइविंग करने वाले चालकों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।

अवेयर होने की जरूरत

ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, यातायात माह में रोजाना सैकड़ों गाड़ियों का ओवरस्पीड का चालान कट रहा है, लेकिन इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिनक एक दो बार नहीं बल्कि 10-10 बार से अधिक चालान काटा गया है।

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इन सड़कों पर आईटीएमस के माध्यम से कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें स्पीडोमीटर सॉफ्टवेयर है। इनमें 60 की स्पीड तय कर दी गई है। जैसे ही वाहन इससे अधिक की स्पीड से गुजरता है, वैसे ही कैमरा वाहन की फोटो ले लेता है। इसके बाद विभाग में बैठा कर्मचारी वाहन का तुरंत चालान कर देता है।

इन 7 सड़कों पर हो रहा चालान

- 1090 चौराहे से कालीदास मार्ग

- खुर्रमनगर से समतामूलक चौराहा

- अवध चौराहे से दुबग्गा

- दयाल पैराडाइज से गोमतीनगर विस्तार

- इंदिरा नगर सेक्टर-25 से मुंशीपुलिया

- बंगला बाजार से कैंट

- तेलीबाग से बंगला बाजार

कहां-कहां जरूरत

-जी-20 तिराहे से शहीदपथ मोड़

-जी-20 तिराहे से जनेश्वर पार्क

-शहीद पथ समिट बिल्डिंग के पास

-लोहिया पथ पॉलीटेक्निक रोड

साल में सिर्फ 10 दिन ही चेकिंग

अक्सर लोग शराब के नशे में तेज रफ्तार से गाड़ियां दौड़ाते हैं, ऐसे चालकों पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस लेट नाइट ब्रेथ एनालाइजर से चालकों की जांच करती है। विभाग के पास कुल 188 ब्रेथ एनालाइजर हैं। यह ब्रेथ एनालाइजर पुलिस थाना और ट्रैफिक पुलिस के पास है, लेकिन इसका इस्तेमाल न के बराबर किया जा रहा है। एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बार वगैरह के बाहर ट्रैफिक पुलिस तभी ड्रिंक एंड ड्राइव का नाका लगाती है, जब उच्च अधिकारियों का आदेश आता है।

यह भी जानिए

- 188 ब्रेथ एनालाइजर

- 500 की और जरूरत

- 10 दिन ही काटे चालान