लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के तीन करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलने जा रही है। यह राहत बिजली मेंटीनेंस वर्क से जुड़ी है। रविवार से शुरू हुए मेंटीनेंस माह के पूरा होने के बाद किसी भी उपभोक्ता को न तो ट्रिपिंग की समस्या का सामना करना पड़ेगा न ही लो वोल्टेज से रूबरू होना पड़ेगा। इस मेंटीनेंस माह के दौरान बिजली उपकरणों पर भी विशेष फोकस किया जाएगा, जिससे इलेक्ट्रिसिटी डिमांड बढ़ने पर उपकरण जवाब न दें।

एक महीने तक मेंटीनेंस

पावर कारपोरेशन की ओर से एक महीने तक मेंटीनेंस अभियान चलाया जा रहा है। अभियान को अलग-अलग चरणों में विभाजित किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से सबस्टेशन और ट्रांसफॉर्मर्स की क्षमता बढ़ाया जाना शामिल है। लूज बिजली के तारों को टाइट करना तथा क्षतिग्रस्त बिजली पोल को ठीक किया जाना है। ये सभी कार्य इसी माह किए जाने हैं।

33 और 11 केवी फीडरों पर फोकस

मेंटीनेंस माह के दौरान मुख्य रूप से 33 और 11केवी फीडरों पर फोकस किया जा रहा है। जिससे सभी फीडरों को गर्मी में सामने आने वाली बिजली डिमांड का सामना करने के लिए तैयार किया जा सके। जब फीडरों की क्षमता बढ़ जाएगी तो बिजली की डिमांड बढ़ेगी तो उसके हिसाब से फीडर आपूर्ति दे पाएंगे। फीडरों पर अतिरिक्त लोड न आने से ट्रिपिंग की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और लो वोल्टेज की समस्या भी नहीं आएगी। वहीं जब बिजली के तार टाइट हो जाएंगे तो हवा चलने पर तारों का टकराव नहीं होगा।

ये होंगे फायदे

1- ट्रिपिंग से राहत

2- लो वोल्टेज से मुक्ति

3- सतत बिजली सप्लाई

4- लोड बढ़ने पर भी कटौती नहीं

5- गर्मी में बिजली संकट नहीं

ट्रांसफॉर्मर्स पर नजर

मेंटीनेंस कार्य के दौरान ट्रांसफॉर्मर्स की क्षमता को भी देखा जाएगा। अगर कहीं लोड के मुकाबले ट्रांसफॉर्मर की क्षमता कम है तो उसे रिप्लेस किया जाएगा और वहां बिजली लोड के अनुसार ट्रांसफॉर्मर लगाया जाएगा। जिससे ट्रांसफॉर्मर पर अतिरिक्त लोड नहीं पड़ेगा और उससे जुड़े इलाकों में भरपूर बिजली मिल सकेगी।

सबस्टेशन का किया निरीक्षण

अभियान के अंतर्गत उप्र पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ। आशीष कुमार गोयल ने विभूति खंड सबस्टेशन का निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने सफाई अभियान में हिस्सा लिया और सबस्टेशन में कराए जा रहे मेंटीनेंस वर्क को देखा। उन्होंने निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं की शिकायतों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाए। इसके साथ ही रात हो या दिन ट्रिपिंग की समस्या सामने न आए।

अगले साल की तैयारी

पावर कारपोरेशन की ओर से अगले साल के लिए अभी से तैयारी तेज कर दी गई है। इस बार जुलाई से लेकर सितंबर माह तक बिजली की डिमांड अधिक रही है। प्रदेश में अधिकतम डिमांड 29 हजार मेेगावाट तक पहुंच गई थी, इसे ध्यान में रखते हुए ही अभी से ही सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है। जिससे अगर अगले साल बिजली की डिमांड 30 हजार मेगावाट के पार भी जाती है तो उस वक्त बिजली सप्लाई करने में या बिजली सिस्टम में कोई खामी न आए।

घरों में बढ़ रहा है लोड

गर्मी अधिक पड़ने की वजह से पहले जहां जिन घरों में एक या दो एसी ही चलते थे, वहीं अब यह आंकड़ा तीन से चार का पहुंच गया है। इसके साथ ही घरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है, जिसके चलते भी बिजली की डिमांड में रोजाना उछाल देखने को मिल रही है। अगर सिस्टम अपग्रेड नहीं हुआ तो साफ है कि आने वाले दिनों में जनता को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।