लखनऊ (ब्यूरो)। मकर संक्रांति पुण्यकाल इस वर्ष पौष शुक्ल अष्टमी यानि 15 जनवरी दिन रविवार को पड़ रहा है। इस दिन चित्रा नक्षत्र व धृति नामक योग है। 14 जनवरी शनिवार को रात्रि 2:53 मिनट पर सूर्य मकर राशि पर प्रवेश करेंगे। धर्मसिंधु के अनुसार, सूर्यास्त के बाद किसी भी समय मकर संक्रांति लगे तो उसका पुण्यकाल दूसरे दिन मध्याह्न काल तक रहता है। इसलिए मकर संक्रांति, जिसे लोग खिचड़ी भी कहते हैं, रविवार को मनाया जाएगा। यह जानकारी महर्षि पाराशर ज्योतिषाचार्य पं। राकेश पांडेय ने दी।

दान का विशेष महत्व

मेषादि 12 राशियों में सूर्य के परिवर्तन काल को संक्रांति कहा जाता है। ऐसे में स्नान, दान, जप, यज्ञ का विशेष महत्व है। पृथ्वी के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं। उत्तरायण में दिन बड़े हो जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन यज्ञ में दिए गए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देवता पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। इस पर्व पर तिल का विशेष महत्व है। तिल खाना तथा तिल बांटना इस पर्व की प्रधानता है। इस दिन तिल, गुड़ तथा चीनी मिले लड्डू खाने और दान देने का विशेष महत्व है।

राशियों पर होग यह असर

ज्योतिषाचार्य राकेश पांडेय बताते हैं कि मकर राशि पर सूर्य का प्रवेश हो रहा है। उस समय वृश्चिक लग्न भोग करेगी। ऐसे में, वृश्चिक राशि वालों के लिए यह अत्यंत लाभकारी होगी। मकर व कुंभ राशि वालों के रुके हुए कार्य त्वरित होने लगेंगे। मेष व वृश्चिक राशि के लोगों को भूमि का सुख प्राप्त हो सकता है। वृष व तुला राशि के लोगों को वाहन व भवन का योग। मिथुन व कन्या राशि के लोगों के लिए धन लाभ होगा। कर्क राशि के लोगों के लिए व्यापार में लाभ व रुके हुए कार्य होंगे। सिंह राशि के लोगों के लिए वाहन सुख की प्राप्ति व राजनैतिक लाभ होगा। धनु व मीन राशि के लोगों के लिए पद व प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।