लखनऊ (ब्यूरो)। बीते कुछ दिनों में शहर में कई दिल दहला देने वाली हत्याएं, एक्सीडेंट वगैरह की घटनाएं हुईं हैं, जिनमें कई हाई प्रोफाइल केस भी शामिल हैं। ऐसे केसों को सुलझाने में सीसीटीवी कैमरा का रोल अहम होता है। कई बार ऐसा लगता है कि पुलिस भी अब पूरी तरह से इन कैमरों पर निर्भर हो चुकी है। हालांकि, चिंता की बात यह है कि अगर कोई घटना सीसीटीवी कैमरा न होने या खराब होने के चलते रिकॉर्ड नहीं हो पाती है, तो वह केस कैसे सॉल्व होगा? बहरहाल, पुलिस ने शहर को सीसीटीवी की नजर में लाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं और इनसे पुलिस को फायदा भी मिला है, लेकिन उन जगहों का क्या जहां पर अब भी 'तीसरी आंख' की जरूरत है

24 हजार कैमरों से निगरानी
पुलिस की योजनाओं के पीछे का उद्देश्य है कि शहर में क्राइम की वारदातों को रोकने के लिए सबसे संकरी गलियों, चौराहों व मार्गों पर निगरानी कैमरे स्थापित किया जाए। इसमें ऑपरेशन त्रिनेत्र, दृष्टि योजना, घर-घर कैमरा समेत अन्य कई योजनाएं शामिल हैं। इसे संभव बनाने के लिए, दुकान-मालिकों और व्यवसायियों को पहले से ही अपने प्रतिष्ठानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा गया था। इसके तहत शहर के अलग-अलग हिस्सों में ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत 24 हजार से अधिक कैमरे लगाए गए, लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि पुलिस को आखिर इन कैमरों से कितना फायदा मिल रहा है, क्योंकि कई ऐसी जगहें भी हैं जहां इन कैमरों की सबसे ज्यादा जरूरत है।

सबसे ज्यादा यहां जरूरत
पुलिस के लिए हमेशा से सबसे बड़ी समस्या रही है शहीद पथ की निगरानी। यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं, जिनमें चालक एक्सीडेंट कर आसानी से फरार हो जाते हैं, लेकिन जब पुलिस आरोपी चालक को पकड़ने की कोशिश करती है तो उन गाड़ियों की पहचान नहीं हो पाती। भले पुलिस ने शहीद पथ के कुछ एंट्री और एग्जिट गेट पर एक दर्जन के करीब कैमरे लगाए हों, लेकिन इसका उतना फायदा नहीं मिल पाता, जितना मिलना चाहिए। हालांकि, मंडलायुक्त के निर्देशन पर अब शहीद पथ पर 45 जगहों पर कैमरा लगाने की तैयारी की जा रही है, जिसका कंट्रोल रूम तेलीबाग में बनाया गया है। वहीं, अन्य चौराहों के कैमरों को आईटीएमएस से ऑपरेट किया जा रहा है।

मार्केट में लगाए जा रहे कैमरे
तेलीबाग मार्केट सबसे व्यस्त बाजारों में से एक है, यहां चोरी और महिला सुरक्षा एक बड़ी चिंता है। इन मुद्दों से आहत होकर तेलीबाग के व्यापारियों ने एसीपी कैंट के साथ एक बैठक में भाग लिया और यहां सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने और पुलिस सहयोग का प्रस्ताव रखा था। सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, महिलाओं और व्यापारियों पर विशेष ध्यान देने के साथ तेलीबाग बाजार में 41 हाई-टेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा अन्य मार्केट्स का भी यही हाल है।

चौराहों पर ज्यादा फोकस
1090 चौराहा, तेलीबाग, होसड़िया चौराहा, पत्रकारपुरम, पॉलीटेक्निक चौराहा, भूतनाथ, आईटी चौराहा, परिवर्तन चौक, हजरतगंज, समतामूलक, सिकंदरबाग चौराहा, निशातगंज, कमता चौराहा, अवध चौराहा, बालागंज, दुबग्गा, महानगर आदि जगहों पर कैमरा लगाया है, लेकिन जरूरी है कि पुलिस को उन जगहों पर भी कैमरा लगाना चाहिए जो चौराहों को जोड़ने वाले मार्ग है। इनमें कई ऐसे प्वाइंट्स हैं, जिनका अधिकतर क्रिमिनल्स फायदा उठाते हैं। जेसीपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि जिन जगहों पर कैमरे नहीं लगे हैं, वहां भी इनकी व्यवस्था की जा रही है।

इन-इन जगहों पर कैमरों की जरूरत
- चौराहों को जोड़ने वाले रूट
- पार्क और मार्केट तक जाने वाले मार्ग
- स्कूलों के बाहर और भीड़भाड़ वाली जगहों से पहले
- शहर के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर ज्यादा कैमरों की जरूरत

सीसीटीवी से सुलझाए गए केस
- दीवाली की रात कृष्णानगर में पीएसी इंस्पेक्टर सतीश के हत्यारोपी को पुलिस ने फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया था।
- जनेश्वर पार्क के पास एएसपी श्वेता के बेटे नामिश को एक्सयूवी ने टक्कर मार दी थी। पुलिस ने 200 से अधिक कैमरों को खंगालने के बाद आरोपी को पकड़ा था।
- पारा थाना क्षेत्र में एक महिला का अपहरण हो गया। मोहनलालगंज में खून से लथपथ उसका शव मिला। पुलिस फुटेज के आधार पर आरोपी तक पहुंची और गिरफ्तार कर लिया।
- पुराने कोर्ट में जीवा की सुनवाई के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को बाद में कैसरबाग बस अड्डे के पास से फुटेज बरामद हुआ, जिसके आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची।