लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू से डॉक्टर्स का मोहभंग होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टर्स लगातार संस्थान छोड़ कर जा रहे हैं, जिससे यहां चल रहे लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम को बड़ा झटका लग सकता है। ज्यादातर डॉक्टर्स ने प्राइवेट अस्पतालों को ज्वॉइन कर लिया है। अब विभाग में अब महज तीन नियमित डॉक्टर ही रह गये हैं, जबकि बांड के तहत दो डॉक्टर्स की तैनाती हुई है, जो केवल दो साल के लिए हैं। ऐसे में, डॉक्टर्स की कमी का खामियाजा लिवर के मरीजों को भुगतना पड़ सकता है।

लंबी है जाने वालों की लिस्ट

गैस्ट्रो सर्जरी विभाग की प्रत्येक ओपीडी में 180 से अधिक मरीज दिखाने पहुंचते हैं। पर डॉक्टर्स की कमी के चलते मरीजों को दिखाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। दूसरी ओर, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में तैनात रहे डॉ। संदीप वर्मा ने केजीएमयू छोड़ दिया है। उनके अलावा अब तक गैस्ट्रो सर्जरी विभाग से कई डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। इसमें डॉ। विशाल गुप्ता, डॉ। साकेत और डॉ। प्रदीप जोशी शामिल हैं।

लिवर ट्रांसप्लांट को लगेगा झटका

लगातार डॉक्टर्स के जाने से लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम को झटका लगा है। यहां अबतक 19 ट्रांसप्लांट हो चुके हैं, जबकि 100 के करीब वेटिंग चल रही है। एक सर्जरी में 30 से 50 लोगों की टीम चाहिए होती है। वहीं, यहां पर स्टाफ की कमी भी लगातार बनी हुई है। पेट की दूसरी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को भी खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। डॉक्टर्स की कमी से मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी होती है।

अन्य विभागों का भी बुरा हाल

दूसरी ओर, केजीएमयू में अब तक कई डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। इंडोक्राइन मेडिसिन विभाग के इकलौते डॉ। मधुकर मित्तल के जाने के बाद विभाग में ताला लग गया है। इसके अलावा नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ। संत पांडेय नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ। सुनील कुमार और डॉ। अनूप जायसवाल भी केजीएमयू को अलविदा कह चुके हैं। ट्रांसप्लांट यूनिट के डॉ। मनमीत सिंह, कॉर्डियो वैस्कुलर थौरेसिक सर्जरी विभाग के डॉ। विजयंत देव, गठिया रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ। अनुपम वाखलू समेत अन्य डॉक्टर नौकरी को छोड़कर जा चुके हैं, जिसकी वजह से इन विभागों में दिखाने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसका असर उनके ट्रीटमेंट पर भी पड़ रहा है।

गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में दो नए चिकित्सकों की तैनाती हुई है। उन्हें केजीएमयू के चिकित्सा शैली से परिचित करवाया जा रहा है। कुछ अन्य पदों पर भी भर्तियों के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है। जल्द ही भर्तियां होंगी।

- डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू