लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ अवैध तरीके से अपार्टमेंट्स भी तैयार किए जाने लगे हैैं। ऐसे में, अगर जनता इन अपार्टमेंट्स में फ्लैट खरीदती है तो उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, अब एलडीए की ओर से ऐसे अपार्टमेंट्स के खिलाफ जांच शुरू करा दी गई है। जांच पूरी होते ही इनके खिलाफ ध्वस्तीकरण या सीलिंग संबंधी एक्शन लिया जाएगा।

सर्वे में खेल आया सामने

एलडीए की ओर से इस समय पूरे शहर में अवैध निर्माणों को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। इसमें एक तरफ जहां कॉमर्शियल निर्माणों की लिस्ट तैयार की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ आवासीय प्रोजेक्ट्स पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। अभी जो लिस्ट तैयार हुई है उससे साफ है कि करीब 50 के आसपास ऐसे कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स सामने आए हैैं, जिनका या तो नक्शा पास नहीं है या नक्शे के विपरीत निर्माण हो रहा है। वहीं 15 के करीब आवासीय निर्माण भी सामने आए हैैं, जिनमें आठ से 10 के आसपास अपार्टमेंट्स शामिल हैैं। डेवलपर्स की ओर से एलडीए से कोई नक्शा स्वीकृत नहीं कराया गया और तीन हजार वर्ग फिट से अधिक क्षेत्रफल में चार से पांच मंजिला तक निर्माण करा लिया गया है।

लगातार की जा रही कार्रवाई

एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। हाल में ही एलडीए की ओर से चिनहट और गोमतीनगर विस्तार में अलग-अलग अपार्टमेंट्स के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की गई है। दोनों ही अपार्टमेंट्स का प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत नहीं था। इसके बावजूद चार से पांच मंजिला निर्माण करा लिया गया। इतना ही नहीं, फ्लैट्स बुकिंग भी शुरू करा दी गई थी।

अभी कई निर्माणों की जांच

उक्त मामले सामने आने के बाद एलडीए की ओर से कई अन्य आवासीय निर्माणों विशेषकर अपार्टमेंट्स के खिलाफ जांच तेज कर दी गई है। प्राधिकरण की ओर से चार से पांच बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। इन बिंदुओं के माध्यम से देखा जा रहा है कि नक्शा स्वीकृत है कि नहीं, भू उपयोग में तो खेल नहीं किया गया है, स्वीकृत नक्शे के अनुरूप निर्माण हो रहा है कि नहीं और प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत है कि नहीं। अगर इनमें से किसी भी एक बिंदु पर डेवलपर द्वारा खेल किया जाना मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इससे पहले विहित प्राधिकारी कोर्ट में उसे अपना पक्ष और साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने का मौका भी दिया जाएगा।

आउटर एरिया पर भी नजर

प्राधिकरण की ओर से आउटर एरिया पर भी विशेष नजर रखी जा रही है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर आवासीय और कॉमर्शियल निर्माण आउटर एरिया में कराए जा रहे हैैं। वहीं, एलडीए की ओर से अपनी भी योजनाओं में संपत्तियों का सत्यापन कराया जा रहा है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि प्राधिकरण की संपत्ति में तो किसी का कब्जा नहीं है। प्राधिकरण प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि कोई भी व्यक्ति अवैध संपत्ति में इंवेस्टमेंट न करे, अन्यथा भविष्य में उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।

शमन शुल्क की रिपोर्ट

एलडीए की ओर से शमन शुल्क को लेकर भी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। अभी तक प्राधिकरण ने 50 से अधिक ऐसी संपत्तियां चिन्हित की हैैं, जिनकी ओर से शमन शुल्क जमा नहीं कराया गया है। इसकी वजह से प्राधिकरण को रेवेन्यू संबंधी नुकसान हो रहा है। एलडीए की ओर से ऐसे निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी करके शमन शुल्क जमा कराने को कहा गया है। अगर इसके बाद भी शमन शुल्क जमा नहीं होता है तो निर्माणकर्ता के खिलाफ जुर्माना संबंधी कार्रवाई की जाएगी।

पब्लिक को करेंगे जागरूक

एलडीए की ओर से पब्लिक को भी जागरूक करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैैं। प्राधिकरण की वेबसाइट में जल्द ही आपको ऐसे निर्माणों के नाम नजर आएंगे, जो पूरी तरह से अवैध होंगे। इससे पब्लिक जालसाजी का शिकार होने से बच सकेगी।

अवैध निर्माणों के खिलाफ प्राधिकरण की ओर से लगातार सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। प्राधिकरण टीमें लगातार अवैध निर्माणों को चिन्हित कर रही हैैं और उनकी लिस्ट तैयार कर रही हैं।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए