- शर्मा गुट न तीन दिन से चल रहे मूल्यांकन बहिष्कार समाप्त किया

- वहीं दूसरे शिक्षक संघ मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग पर अड़े

LUCKNOW: तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण सहित ख्0 सूत्रीय मांगो को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के नेतृत्व में तीन दिन से चल रहे मूल्यांकन बहिष्कार को समाप्त कर गुरुवार से कॉपियों के मूल्यांकन काम शुरू करने जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मांगे पूरी न होने की स्थिति में चंदेल गुट, वित्तविहीन शिक्षक महासभा, पांडेय गुट ने मुख्यमंत्री से वार्ता कर निर्णय लिए बिना मूल्यांकन बहिष्कार समाप्त न करने का ऐलान किया है।

तीसरे दिन भी नहीं शुरू हो सका मूल्यांकन

बुधवार को मूल्यांकन के तीसरे दिन राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज, अमीनाबाद इंटर कॉलेज सहित सभी केंद्रों पर एक भी कॉपी नहीं जांची जा सकी। मूल्यांकन काम के लिए लगाए गए एग्जामर केवल अपने उपस्थिति दर्ज कराकर वापस चले गए। शर्मा गुट के नेतृत्व में शिक्षकों ने दोपहर क्ख्.फ्0 बजे राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज पर मूल्यांकन बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। उनके समर्थन में माध्यमिक शिक्षा विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव डॉ.एसपी सिंह भी पहुंच गए। उन्होंने शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया और कहा कि इनमें कई मांगे ऐसी हैं जिनमें सरकार का कोई पैसा खर्च नही होगा। शर्मा गुट के प्रवक्ता डॉ। आरपी मिश्र ने कहा कि तीन दिन तक मूल्यांकन कार्य बहिष्कार सफल रहा। अब छात्रहित को देखते हुए ख् अप्रैल से सभी शिक्षक मूल्यांकन कार्य करेगें। जिससे यूपी बोर्ड के रिजल्ट समय से जारी किया जा सके।

वहीं दूसरे संघ अब भी करेंगे मूल्यांकन बहिष्कार

एक ओर जहां माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट ने तीन दिन के मूल्यांकन बहिष्कार के बाद अपना आंदोलन वापस ले लिया है। वहीं दूसरी ओर वित्तविहीन शिक्षक संगठन, चेतनारायण गुट, चंदेल गुट, ठकुराई गुट के नेतृत्व में शिक्षक अभी भी मूल्यांकन बहिष्कार करेंगे। शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने कहा है कि यह निर्णय तब तक नहीं बदलेगा जब तक मुख्यमंत्री वार्ता कर कोई ठोस निर्णय न ले लें। चेतनारायण गुट के प्रदेशीय मंत्री डॉ.महेंद्र नाथ राय ने कहा कि जब तक सरकार शिक्षकों की मांगें नहीं मानती, तब तक मूल्यांकन कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार शिक्षकों को सिर्फ आश्वासन दे रही है। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ-संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय महामंत्री संतोष दोहरे ने कहा कि सरकार सीबीएसई बोर्ड के समान शिक्षा देना चाहती है, पर पारिश्रमिक देने में पीछे हट रही है। इसलिए बहिष्कार जारी रहेगा।