लखनऊ (ब्यूरो)। सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस श्री गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिंडोला में मनाया गया। इस अवसर पर विशेष दीवान का आरंभ रहिरास साहिब के पाठ से हुआ। रागी जत्था भाई राजिंदर सिंह ने साधन हेति इती तिनि करी।। सीसु दीआ पर सी न उचरी।। शबद गायन एवं संगत को नाम सिमरन कराया। ज्ञानी सुखदेव सिंह ने गुरु महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला। रागी जत्था भाई गुरमीत सिंह ने तेग बहादुर सिमरिअै घर नउ निधि आवै धाइि।। शबद गायन कर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। दीवान समाप्ति के बाद कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने संगत से गुरु के बताए मार्ग पर चलने की अपील की। कार्यक्रम समापन के बाद गुरु का लंगर वितरित किया गया।
गुरु का प्रसाद हुआ वितरित
ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी यहियागंज में गुरु तेग बहादुर साहिब का शहीदी सत्कार संग मनाया गया। इस स्थान पर गुरु तेग बहादुर 1670 में आए थे और तीन दिन रुके थे। भाई दविंदर सिंह सोढ़ी एवं भाई रंजीत सिंह खालसा वालों ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। कथा वाचक प्रिंसिपल ज्ञानी बलजीत सिंह ने गुरु तेग बहादुर के जीवन पर प्रकाश डाला। गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि गुरु साहिब की शहीदी के वक्त सुबह 11 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहिब पर फूलों की वर्षा की गई। इस अवसर पर लखनऊ के सभी गुरुद्वारा साहिब एवं धार्मिक सोसाइटी शामिल थीं। कार्यक्रम समापन के बाद संगत में गुरु का प्रसाद वितरित किया गया।