दो बार में बने थे सात मंत्री

पिछले महीने गवर्नर हाउस में कुल सात लोगों को मंत्री बनाया गया थाइनमें एक राज्य मंत्री और छह को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया था। 18 जनवरी को हुए कैबिनेट एक्सपेंशन में राज्य मंत्री मनोज पाण्डेय और स्वतंत्र प्रभार के मंत्री गायत्री प्रसाद का प्रमोशन कर उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया गया थामनोज पाण्डेय कृषि राज्य मंत्री थे जबकि गायत्री प्रसाद के पास माइनिंग डिपार्टमेंट थाइन दो मंत्रियों के साथ विधायक प्रोशिवाकांत ओझा का भी नाम शपथ दिलाने के लिए शामिल किया गया था, लेकिन उनके स्टडी टुअर पर होने के कारण शपथ नहीं दिलायी गयी थी.

24 जनवरी को दिलायी गयी थी पांच मंत्रियों को शपथ

स्टडी टुअर से लौटने के बाद शिवाकांत ओझा के साथ बहराइच से विधायक यासिर शाह और तीन राज्य मंत्रियों को प्रमोट किया गया थाइनमें शाहिद मंजूर, इकबाल महमूद और महबूब अली शामिल थेशिवाकांत ओझा, शाहिद मंजूर, इकबाल महमूद और महबूब अली को कैबिनेट मिनिस्टर जबकि कैबिनेट मिनिस्टर रहे वकार अहमद शाह के बेटे यासिर शाह को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी थीइन सब को शपथ दिलाये जाने के दो सप्ताह बाद भी किसी मिनिस्टर को पोर्ट फोलियो नहीं दिया गया.

नहीं बैठ पा रही है गणित

सूत्रों की मानें तो मंत्रियों को पोर्टफोलियो दिये जाने को लेकर गुणा-भाग चल रहा है, लेकिन फाइनल अब तक नहीं हो पा रहा हैसोर्सेज का कहना है कि नये मंत्रियों में किसी को खनन विभाग चाहिए तो कोई श्रम विभाग हासिल करने के लिए मेहनत कर रहा हैइन्हीं गुणा-भाग के चक्कर में अब तक पोर्टफोलियो एलॉट नहीं किया जा सका है.

मुख्यमंत्री के पास हैं 55 डिपार्टमेंट

पोर्टफोलियो में कौन सा डिपार्टमेंट किसको मिलेगा यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन हाल ही में बनाये गये अधिकतर कैबिनेट मिनिस्टर की निगाह मुख्यमंत्री के पास मौजूद विभागों पर हैइसमें मुख्यमंत्री के पास फिलहाल 55 डिपार्टमेंट हैंअगर स्वतंत्र प्रभार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के प्रमोशन के बाद फ्री हुए खनन डिपार्टमेंट और मंत्रिपद से हटाये गये वकार अहमद शाह के डिपार्टमेंट श्रम और नियोजन को भी मिला लिया जाए तो यह डिपार्टमेंट 58 हो जाते हैंदेखना यह होगा कि किस मंत्री को कौन सा डिपार्टमेंट मिलता है.