लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से एक निजी कंपनी को स्कैनिंग के लिए दी गईं कुल फाइलों में से करीब 20 हजार का रिकॉर्ड गुम हो गया और किसी को पता ही नहीं चला। एक तरफ जहां कंपनी के प्रतिनिधियों की ओर से कहा जा रहा है कि उन्हें 20 हजार फाइलें कम मिलीं, वहीं एलडीए की ओर से दावा किया जा रहा है कि कंपनी को ये 20 हजार फाइलें भी दी गई थीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए वीसी ने फिलहाल जांच टीम गठित कर दी है और 10 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है। कहीं न कहीं फाइलों का रिकॉर्ड मिसप्लेस होने में विभागीय कर्मचारियों की संलिप्तता की संभावना को बल मिल रहा है।

आंकड़ों से खुला खेल

राइटर कंपनी के पास फाइलों के स्कैनिंग करने की जिम्मेदारी है। एलडीए की ओर से इसी कंपनी को फाइलें स्कैन करने के लिए दी जाती हैैं। राइटर कंपनी के प्रतिनिधियों की ओर से बताया गया कि उन्हें प्राधिकरण से लगभग 1 लाख 25 हजार फाइलें मिली थीं, जिनमें से 1 लाख 22 हजार फाइलें स्कैन करके प्राधिकरण को वापस कर दी गई हैैं। वहीं, प्राधिकरण के रिकॉर्ड के मुताबिक, राइटर कंपनी को 1 लाख 45 हजार 449 फाइलें उपलब्ध कराई गई थीं। दोनों के रिकॉर्ड में भिन्नता सामने आने पर यह स्पष्ट हुआ कि करीब 20 हजार से अधिक फाइलों का रिकॉर्ड मिसप्लेस है।

फाइलों का रिकॉर्ड मिलान शुरू

वीसी के निर्देश के बाद गायब फाइलों के रिकॉर्ड ढूंढने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए कर्मचारियों की अतिरिक्त टीमें लगाई गई हैैं। वीसी के निर्देश पर फाइलों का पावती सहित पूरा विवरण तैयार किया जा रहा है, ताकि कोई भी फाइल छूट न जाए। राइटर कंपनी की ओर से अपने दो-दो कम्पयूटर ऑपरेटर गोमती नगर और लालबाग स्थित रिकॉर्ड अनुभाग में तैनात किए गए हैैं। रिकॉर्ड अनुभाग में फाइलों के डिजिटलाइजेशन व संरक्षण संबंधित कदम की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है, जिससे जांच के दौरान किसी प्रकार का कोई खेल न किया जा सके। प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से भी रिकॉर्ड मिलान पर नजर रखी जा रही है।

10 दिन में तस्वीर होगी साफ

वीसी के निर्देश के बाद 10 दिन के अंदर पूरी रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इस रिपोर्ट के पूरा होते ही यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि फाइलों का रिकॉर्ड मिसप्लेस हुआ है या कराया गया है। इसके साथ ही दोषियों के चेहरे भी सामने आ सकेंगे। अभी तक तो यही स्पष्ट हो रहा है कि कहीं न कहीं विभागीय कर्मचारियों की इसमें संलिप्तता हो सकती है।

अभी यह कहना मुश्किल है कि फाइलें गायब हुई हैैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए रिकॉर्ड मिलान का काम शुरू करा दिया गया है। जांच रिपोर्ट सामने आते ही सारी तस्वीर साफ हो जाएगी। जो दोषी होंगे, उन पर एक्शन लिया जाएगा।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए