लखनऊ (ब्यूरो)। कार्यक्रम के दौरान डॉ देवाशीष ने बताया कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के चलते घंटों लगातार क्लास चल रही हैं। इसके बाद बच्चे कंप्यूटर व मोबाइल पर होमवर्क करते हैं और मन बहलाने के लिए गेम्स भी मोबाइल पर खेलते हैं। जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। वे चिड़चिड़े हो रहे हैं, दोस्तों से मिलना जुलना कम कर रहे हैं, कमरे में गुमसुम रहते हैं। यही नहीं उनका वेट बढ़ रहा है और आंखें भी कमजोर हो रही हैं। बड़ी संख्या में बच्चों में यह समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे में बच्चों की काउंसिलिंग करना बेहद जरूरी हो गया है।
इन चीजों का रखें ध्यान
- ऑनलाइन क्लास के अलावा बच्चों को मोबाइल न दें
- बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज के लिए प्रेरित करें
- ऑनलाइन क्लास के दौरान टीचर की आवाज सुनें
डॉक्टर से करें संपर्क
सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने कहा कि मानसिक बीमारियों से बचने के लिए हमेशा खुश रहें। अपनी बातों को दूसरों से साझा करें। नोडल अधिकारी डॉ आरके चौधरी ने कहा कि यदि बच्चा अपने कमरे में किसी को दाखिल नहीं होने दे, कमरे की साफ-सफाई करने या कराने में आनाकानी करे तो आप सतर्क हो जाएं क्योंकि यह मानसिक रोग की शुरुआत हो सकती है। ऐसा कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।