- पीएम ने लोकभवन में किया अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण, राजधानी में चिकित्सा विवि का शिलान्यास भी

- कहा, हम राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों से निपट रहे

- सीएए पर ¨हसा-आगजनी करने वालों को प्रधानमंत्री ने पढ़ाया कर्तव्य निभाने का पाठ

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रुष्टयहृह्रङ्ख : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लखनऊ की धरती से सीएए विरोध के नाम पर प्रदेश में आगजनी व हिंसा करने वालों को कर्तव्य बोध कराया। लोकभवन में अटल जी की प्रतिमा के अनावरण और मेडिकल यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के मौके पर पीएम मोदी ने आगजनी व तोड़फोड़ करने वालों का आह्वान किया कि वे अपने घरों में बैठकर खुद से सवाल करें कि क्या उनका रास्ता सही था? क्या उनकी प्रवृत्ति सही थी? जिन सरकारी संपत्तियों को उन्होंने नुकसान पहुंचाया, क्या वे उनके बच्चों के काम आने वाली नहीं थीं? ¨हसा में जो लोग मारे गए और पुलिसकर्मी घायल हुए, उनके परिवारीजन के बारे में भी सोचें। इससे पहले सूबे में सत्ता के शीर्ष अधिष्ठान लोकभवन परिसर में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया और चक गंजरिया में बनाये जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय का लोकभवन सभागार में बटन दबाकर शिलान्यास किया।

हक के साथ दायित्व को भी रखें याद

अनावरण व शिलान्यास के बाद लोकभवन सभागार में तकरीबन 35 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा कि आजादी के बाद हमने सबसे ज्यादा जोर अधिकारों पर दिया, लेकिन हमें अपने कर्तव्यों, दायित्वों पर भी उतना ही बल देना है। हक के साथ दायित्व को भी याद रखना होगा। झूठी अफवाहों पर ¨हसा करने और सरकारी संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वालों से उन्होंने आग्रह किया 'यदि बेहतर सड़क, परिवहन व्यवस्था और सीवर लाइन उनका हक है तो इन्हें सुरक्षित रखना भी उनका दायित्व है। यदि उत्तम व सुलभ शिक्षा हमारा हक है तो शिक्षण संस्थानों को सुरक्षित रखना और शिक्षकों का सम्मान हमारा दायित्व है। बेहतर चिकित्सा सुविधाएं पाना हमारा अधिकार है तो अस्पतालों की सुरक्षा और डॉक्टरों का सम्मान हमारा कर्तव्य है। सुरक्षित माहौल हमारा हक है तो उसे उपलब्ध कराने वाले पुलिस तंत्र का सम्मान भी हमारा दायित्व है.' मोदी ने कहा कि हक की सीमा है लेकिन कर्तव्य की भावना बहुत व्यापक है। यह भावना नागरिकों के साथ सरकारी तंत्र में भी होनी चाहिए।

कठिन चुनौतियों को आराम से सुलझाया

मोदी ने अपनी सरकार के कामकाज को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कसौटियों पर खरा ठहराया। उन्होंने कहा कि अटल जी कहते थे कि हर पीढ़ी को भारत की प्रगति का मूल्यांकन दो मानदंडों पर करना चाहिए। पहला, विरासत में मिलीं कितनी समस्याओं को हमने सुलझाया है। दूसरा, राष्ट्र के भावी विकास के लिए हमने अपने प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी है। कहा कि हमने राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों को दूर किया है। फिर बोले, अनुच्छेद 370 कितनी पुरानी बीमारी थी? कितनी कठिन लगती थी? हमें विरासत में मिली थी। हमने ऐसी कठिन चुनौती को सुलझाया। यह हुआ और आराम से हुआ। सबकी धारणाएं चूर-चूर हो गईं। अयोध्या विवाद के इतने पुराने मामले का शांतिपूर्ण समाधान कराया।

चुनौतियों को चुनौती देने का कोई मौका नहीं छोड़ा

नागरिकता संशोधन कानून का नाम लिए बगैर कहा कि देश के विभाजन के बाद लाखों गरीब, जिनमें ज्यादातर दलित, वंचित और शोषित थे, अपना धर्म और बहू-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान छोड़ भारत की शरण लेने को मजबूर हैं, उन्हें नागरिकता की गरिमा दिलाने का काम देश की 130 करोड़ जनता ने किया है। भारत यह आत्मविश्वास लेकर 2020 में प्रवेश कर रहा है। अब भी जो बाकी है, उनके समाधान के लिए हर भारतवासी पूरे साम‌र्थ्य से प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि 'हम चुनौतियों को चुनौती देने का स्वभाव लेकर निकले हैं। हमने चुनौतियों को चुनौती देने का कोई मौका नहीं छोड़ा.'

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नए भारत की ठोस नींव कर रहे तैयार

स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना की उपलब्धियां बयान करने के साथ उन्होंने 2024 तक देश के हर घर को नल से जल मुहैया कराने के लिए शुरू की गई योजना का जिक्र किया और कहा कि 'हम समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। इन समाधानों के जरिये नए भारत की ठोस नींव तैयार कर रहे हैं। इसी ठोस बुनियाद पर हम देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर का आकार देने का लक्ष्य सिद्ध करेंगे। यही तो सुशासन और सुराज है जिसकी परिकल्पना अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी.'

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यह भी रहे मौजूद

कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ.दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, पर्यटन व संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.नीलकंठ तिवारी और मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर तथा राज्य सरकार के मंत्री व भाजपा पदाधिकारी शामिल थे।