लखनऊ (ब्यूरो)। दीपावली के अवसर पर लखनवाइट्स ने जमकर आतिशबाजी की। हालांकि, इस दौरान होने वाले हादसों ने लोगों की चिंता भी बढ़ाई। पटाखों से हुए हादसों की वजह से लगभग 200 लोग जख्मी अवस्था में उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे। इनमें 10 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है।

कई लोग हुए जख्मी

दीपावाली का जश्न लगभग 200 लोगों के लिए भारी पड़ गया। पटाखे दगाते समय 10 लोगों की आंखों में चोट और 60 से अधिक लोगों के हाथों में चोट आई। जख्मी लोगों को केजीएमयू ट्रामा, बलरामपुर अस्पताल, लोहिया संस्थान, सिविल व लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीते साल के 150 घायलों के मुकाबले इसबार अधिक लोग पटाखे से जख्मी होकर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे।

321 मरीज पहुंचे ट्रामा

केजीएमयू ट्रॉमा के सीएमएस डॉ। संदीप तिवारी के मुताबिक, दीपावली के अवसर पर करीब 321 मरीज ट्रामा पहुंचे। इसमें पटाखों की वजह से जख्मी लगभग 27 लोगों को भर्ती किया गया। सभी मरीजों को इलाज मुहैया कराया गया। तबीयत में सुधार के बाद सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया। कोई भी मरीज गंभीर हालत में नहीं था। वहीं, लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में 20 से ज्यादा पटाखे से झुलसे लोगों को भर्ती किया गया। एमएस डॉ। विक्रम सिंह ने बताया कि सभी मरीजों को प्राथमिक इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। कोई भी मरीज गंभीर नहीं था।

गंभीर मरीजों को किया गया भर्ती

बलरामपुर अस्पताल के एमएस डॉ। हिमांशु चतुर्वेदी का कहना है कि पटाखे से झुलसे 25 घायलों को भर्ती किया गया। इनमें 10 मरीजों ने पटाखे जलाने से आंखों में जलन की शिकायत थी। दो मरीजों की हालत गंभीर थी। जिन्हें उच्च संस्थानों में रेफर किया गया है। पटाखे से जख्मी दो मरीजों के हाथ, छाती, चेहरे पर चोटें आई हैं, जिनमें 14 को टांके लगाए गए। फिलहाल सभी मरीजों को उपचार मुहैया कराया गया है।

इमरजेंसी में भर्ती किया गया

सिविल अस्पताल में पटाखों से घायल 59 लोगों को भर्ती कराया गया था। सीएमएस डॉ। राजेश श्रीवास्तव ने कहा नौ पीड़ितों के हाथ, चेहरे और छाती गंभीर रूप से जल गए। उनके अंगों और शरीर के अन्य हिस्सों पर थर्ड-डिग्री जलने की गंभीर चोटों के कारण उन्हें बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया था। बाकी 50 मरीजों को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया। वहीं, लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया पटाखे की वजह से जख्मी 30 लोगों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया। मरीजों को इलाज मुहैया कराया गया। तबीयत में सुधार के बाद मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। साथ ही महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल की इमरजेंसी में 24 घंटे के भीतर 12 पीड़ितों को झुलसे और चार मरीजों की आंखों में चोट लगने पर इमरजेंसी लाया गया। उत्तर प्रदेश में संचालित 108 एंबुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के अनुसार दिवाली के दिन बर्न के कुल 183 मामले आए। जबकि अन्य दिनों में औसतन 20 मामले ही आते हैं। इस प्रकार बर्न के मामले 804 परसेंट तक बढ़ गए। दिवाली के दिन 12 हजार से अधिक और रोड एक्सीडेंट के 1064 मामलों में मरीजों को सेवाएं सेवा दी गई।