- बड़ी संख्या में टीचर्स की चली गई नौकरी

- 18 से 20 स्कूल हर माह हो रहे बंद

- 50 हजार से एक लाख किराया हर माह

- 1000 प्ले स्कूल हैं राजधानी में

- 200 के करीब नामी स्कूलों की फ्रेंचाइजी

- 500 से अधिक टीचर्स की जा चुकी है जॉब

shyamchandra.singh@inext.co.in

LUCKNOW:

कोरोना के कारण फीस न जमा होने और स्टूडेंट्स की घटती संख्या के कारण बीते तीन माह में करीब सौ से अधिक प्ले स्कूल राजधानी में बंद हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर स्कूल वे हैं जो बड़े स्कूलों की फ्रेंचाइजी लेकर किराए की बिल्डिंग में चल रहे थे। अब इन स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स बेरोजगार हो गए हैं। राजधानी की प्ले स्कूलों की एसोसिएशन का दावा है कि हालात ऐसे हैं कि हर माह 18 से 20 स्कूल बंद हो रहे हैं।

फीस न मिलने से हालत खराब

किराए की बिल्डिंग में चलने वाले इस स्कूलों को कोरोना काल में इतनी भी फीस नहीं मिली कि ये किराया निकाल सकें। ऐसे में इन्हें टीचर्स को सेलरी देने में भी दिक्कत आ रही थी। इस समय जो स्कूल चल भी रहे हैं उनका कहना है कि वह किसी तरह ऑनलाइन क्लास को मैनेज कर रहे हैं, लेकिन जिनके पास यह मॉड्यूल नहीं था, वे स्कूल बंद हो गए हैं। ऑनलाइन टीचिंग के लिए टीचर्स को स्पेशल ट्रेनिंग की जरूरत होती है, जो अधिकतर प्ले स्कूलों के पास नहीं है।

नहीं निकाल सके खर्च

लखनऊ प्ले स्कूल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी तुषार चेतवानी ने बताया कि शहर में करीब 1000 प्ले स्कूल हैं। इनमें से बहुत से किराए के मकान में चल रहे हैं। कोरोना संक्रमण का असर इन सभी स्कूलों पर पड़ा। पेरेंट्स ने बच्चों की फीस नहीं जमा की जिससे टीचर्स को सेलरी भी नहीं मिल सकी। किराया न दे पाने के कारण सौ के करीब स्कूल बंद हो गए। शहर में प्ले ग्रुप के स्कूल जिन भवनों में चल रहे हैं उनमें से अधिकतर का किराया 50 हजार से एक लाख रुपए प्रति माह है।

बच्चों को पढ़ाने से कतरा रहे

तुषार चेतवानी ने बताया कि शहर में 150 से 200 के आसपास नामी स्कूलों की फ्रेंचाइजी के स्कूल हैं, वहीं 300 के आसपास प्ले स्कूल नौ ब्रांडेड पर अच्छे लेवल के हैं। कोरोना के कारण कारण इन स्कूलों में बच्चों के निकालने के परसेंटेज करीब 80 के आसपास है। इन बच्चों के पेरेंट्स ऑनलाइन क्लासेस के पक्ष में भी नहीं हैं। उनका कहना है कि जब स्थितियां ठीक होगी तो वे दोबारा बच्चों का एडमिशन करा देंगे।

बड़ी संख्या में टीचर्स की गई जॉब

फीस न आने और ऑनलाइन क्लास के अधिक विकल्प न होने से स्कूलों पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है। जिस कारण इन स्कूलों में पढ़ाने वाले करीब 500 से अधिक टीचर्स को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। कई स्कूलों में टीचर्स से कहा गया है कि जब हालात ठीक होंगे तो उन्हें फिर ज्वॉइन कराया जाएगा।

प्री स्कूल आधी स्टेंथ पर काम कर रहे हैं। बच्चे आधे से कम हो गए हैं। सिर्फ 10 फीसद स्कूल ही अच्छी तरह ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। बाकी स्कूलों की हालत काफी खराब है। सिटी में सौ के ऊपर स्कूल पूरी तरह बंद हो चुके हैं।

तुषार चेतवानी

लखनऊ प्ले स्कूल एसोसिएशन