LUCKNOW: घुड़सवारी में यूं तो पुरुषों का आधिपत्य सा मिलता है। मगर राजधानी की स्थवी अस्थाना ने इस दंभ को तोड़ा है। यही कारण है कि 20 साल की उम्र में स्थवी 75 पदक जीत चुकी हैं। बीते सोमवार को यूपी गवर्नमेंट की ओर से दिया जाने वाला यश भारती पुरस्कार भी उन्हें सौंपा गया। आज वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा चुकी हैं।

शहर से है पुराना नाता

स्थवी का जन्म 1996 में इलाहाबाद में हुआ था लेकिन पिता हिमांशु कुमार व माता स्मिता चौधरी दोनों ही गवर्नमेंट जॉब करते हैं। फिलहाल, उनके पिता प्रमुख सचिव (साइंस एंड टेक्नोलॉजी) के पद पर तैनात हैं। इसके चलते स्थवी को यूपी के ज्यादातर जिलों में रहने का अवसर मिला। उनकी स्कूलिंग लखनऊ से ही है। स्थवी ने अलीगंज स्थित केंद्रीय विद्यालय से इंटर की परीक्षा पास की थी। वर्तमान में वह दिल्ली स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से लॉ पढ़ रही हैं।

पहली सवारी चार साल की उम्र में

स्थवी ने बताया कि वह जब चार साल की थीं तो पहली बार उन्होंने घुड़सवारी की थी। इसके बाद उन्हें जब भी समय मिलता घुड़सवारी करने चली जातीं। धीरे-धीरे यह शौक पैशन बन गया। एक सवाल के जवाब में वह कहती हैं कि वर्ष 2009 में जब मैं 14 साल की थी तब मैंने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। फिलहाल, वह दिल्ली स्थित आर्मी सेंटर से ट्रेनिंग कर रही हैं।

यूट्यूब से सीखी बारीकियां

स्थवी कहती हैं कि यहां घुड़सवारी में लड़के ज्यादा होते हैं। इसीलिए शुरू में घुड़सवारी सीखने में बहुत दिक्कत हुई। ऐसे में मैंने यूट्यूब पर अपलोड वीडियोज को देखकर इसकी बारीकियां सीखीं। हालांकि, यह खेल भी बहुत महंगा है। इसीलिए पहले मैं साधारण घोड़ों से प्रैक्टिस करती थी मगर उन घोड़ों को ज्यादा देर तक नहीं दौड़ाया जा सकता था जबकि सबके पास इम्पोर्टेड घोड़े थे। मगर मैंने उन्हीं परिस्थितियों में खेल सीखा। पिछले एक साल से मैंने ट्रेनिंग लेनी शुरू की है।

लड़कों में मैं अकेली लड़की थी

स्थवी ने बताया कि उनकी जिंदगी में वैसे तो हर टूर्नामेंट ही यादगार है लेकिन 2012 में एनसीसी रिलब्लिक कैंप का आयोजन हुआ था जहां पर पूरे हर प्रदेश के लोग आये थे। एनसीसी यूपी मथुरा फोर्ड की तरफ से घुड़सवारी में अकेले मैंने प्रतिभाग किया था। बाकी सब लड़के थे। हर राउंड के बाद हाइट बढ़ती जा रही थी। एक-एक कर सब रुकते गये। अकेली मैं ही सबसे ऊंची हाइट तक गई, जिसकी हाइट 1.75 मीटर थी। हालांकि मैं 1.80 मीटर का नेशनल रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई थी मगर वो लम्हा मेरे लिए सबसे यादगार पल था। इसमें मुझे सर्वश्रेष्ठ घुड़सवार घोषित किया गया था।

परिचय

नाम - स्थवी अस्थाना

जन्म- 19 जनवरी 1996 इलाहाबाद

पिता - हिमांशु कुमार

माता- स्मिता चौधरी

उपलब्धियां - 14 से 20 वर्ष की उम्र में 75 पदक जिनमें 28 स्वर्ण, 19 रजत, 28 कांस्य , 16 वर्ष में 100 श्रेष्ठ घुड़सवारों में प्रथम स्थान , लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार, यश भारती पुरस्कार, 2014 में अंतर्राष्ट्रीय घुड़सवारी खेल संघ द्वारा आयोजित दो प्रतियोगिता में क्रमश: तीसरी व नौवी रैंक हासिल की।

घर में जब मैंने बताया कि मुझे घुड़सवारी करनी है तो परिवार के लोगों ने मेरा बहुत सपोर्ट किया। मेरे हर फैसले में साथ रहे।

स्थवी अस्थाना