आखिर नक्सलियों के निशाने पर कौन ?

- एटीएस की गिरफ्त में आए नक्सलियों के पास से भारी विस्फोटक बरामद

- गिरफ्तारी के बाद दिल्ली और एनसीआर में अलर्ट, खुफिया एजेंसियां सतर्क

- एटीएस ने चंदौली के सैयदराजा से सरगना रंजीत पासवान को भी दबोचा

LUCKNOW:

आठ घंटे के भीतर नोएडा और चंदौली से गिरफ्तार किए गये दस नक्सलियों से बरामद गोला-बारूद ने देश की शीर्ष खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। नोएडा को बेस बनाकर नक्सली किसे अपने निशाने पर लेना चाहते थे, इसका पता लगाने के लिए एजेंसियों ने उनसे गहन पूछताछ शुरू कर दी है। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इनके तार बिहार, झारखंड के अलावा पूर्वी उप्र और पश्चिमी उप्र के आगरा और मथुरा से भी जुड़ रहे हैं। पिछले दस सालों के दौरान यूपी पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ की गयी यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

चंदाैली से पकड़ा गया सरगना

शनिवार देर रात नोएडा से नौ नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद उनके सरगना रंजीत पासवान को भी चंदौली जिले के सैयदराजा इलाके से दबोच लिया गया। उसके पास तीन रायफलें बरामद हुई हैं जिनमें से एक इंसास है। एटीएस का अंदेशा है कि यह सुरक्षा बलों से मुठभेड़ के दौरान लूटी गयी है। इंसास रायफल के नंबर के आधार पर पता लगाया जा रहा है कि वह किसे आवंटित की गयी थी। साथ ही उसके पास भ्भ्0 कारतूस तथा दो एसएलआर रायफल की मैगजीन भी बरामद हुई है। रंजीत पासवान बिहार में सालों से सक्रिय रहे पीपुल्स वॉर ग्रुप का एरिया कमांडर रह चुका है। हाल ही में बस्ती से गिरफ्तार किए गये जवाहरबाग कांड के आरोपी हार्डकोर नक्सली चंदन बोस के जिम्मे ही नोएडा में नक्सलियों का बेस बनाने का काम सौंपा गया था। चंदन के इशारे पर रंजीत ने ही बिहार, झारखंड और यूपी के नक्सलियों को वहां भेजा और स्थानीय संपर्को की मदद से उन्हें वहां पनाह दिलाई। वहीं नोएडा में झारखंड निवासी प्रदीप सिंह खरवार उनका अगुवाई करता था।

भारी तादाद में विस्फोटक बरामद

आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि नोएडा से गिरफ्तार किये गये नक्सलियों प्रदीप सिंह खरवार, बृज किशोर तोमर, सूरज, आशीष सारस्वत, कृष्ण कुमार, पवन कुमार झा, शैलेंद्र कुमार, सुनील कुमार यादव, सचिन कुमार के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किये हैं जिनमें डेटोनेटर भी शामिल हैं। उन्होंने नोएडा में किराए के दो मकान और एक दुकान ले रखी थी। पुलिस की नजरों से बचने के लिए उन्होंने खुद को प्रापर्टी डीलर बताते थे। उनकी गतिविधियों के बारे में नोएडा पुलिस को शक हुआ जिसके बाद एसएसपी नोएडा ने एटीएस को सूचित किया। एटीएस ने सर्विलांस का जाल बिछाया और उनके नक्सली होने की पुष्टि होने पर शनिवार को नोएडा के सेक्टर-ब्7 में ताबड़तोड़ छापेमारी कर गिरफ्तारी की। उनसे हुई पूछताछ के आधार पर ही रविवार तड़के चंदौली में छापेमारी कर रंजीत को भी गिरफ्तार कर लिया गया। रंजीत और नोएडा से गिरफ्तार बिहार निवासी कृष्णा कुमार को बम बनाने का एक्सपटर्1 बताया जा रहा है।

पश्चिमी यूपी बना पनाहगाह

प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि नक्सलियों का यह गिरोह इससे पहले मथुरा के जवाहरबाग में भी ठहरा था। वहां रामवृक्ष यादव के समर्थकों को हथियारों का प्रशिक्षण देने के अलावा वे पश्चिमी यूपी में दोबारा अपनी पैठ बना रहे थे। जवाहरबाग कांड के बाद वे आगरा भाग गये, लेकिन पुलिस की सख्ती की वजह से उन्हें नोएडा जाना पड़ गया। इनका नेतृत्व चंदन बोस कर रहा था जिस पर जवाहरबाग में एसओ संतोष यादव की हत्या करने का आरोप था। चंदन को रामवृक्ष का दाहिना हाथ माना जाता था। चंदन को विगत क्भ् जुलाई को बस्ती से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले जनवरी ख्0क्ब् में मेरठ से बिहार के नक्सलियों के जोनल कमांडर चंदन उर्फ चनारिक दास को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। उस पर विगत क्9 अक्टूबर ख्0क्ख् को बिहार के गया के डुमरिया इलाके में लैंडमाइन बिछाकर पुलिस की जीप उड़ाने का आरोप था। इस घटना में सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडर समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी। वहीं मई ख्0क्ब् में नोएडा से गिरफ्तार माओवादी संगठन के जोनल कमांडर कृष्णा की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ था कि पश्चिमी उप्र में नक्सलियों का पूरा नेटवर्क बनाया जा चुका है। कम्प्यूटर का माहिर कृष्णा नक्सलियों का साहित्य छापने का भी काम करता था।

पहले भी गिरफ्तार किए कई हार्डकोर नक्सली

प्रदेश पुलिस ने बीते क्ख् सालों के दौरान कई बड़े हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार किए है जिसकी वजह से सूबे में कोई बड़ी नक्सली वारदात अंजाम नहीं दी जा सकी। वर्ष ख्0क्ख् में सोनभद्र के चोपन में स्थानीय पुलिस ने मुठभेड़ के बाद तीन लाख रुपये के इनामी नक्सली नेता मुन्ना विश्वकर्मा और पचास हजार के इनामी अजीत कोल को गिरफ्तार किया था। साथ ही एक लाख के इनामी लालव्रत कोल को गिरफ्तार कर नक्सलियों की कमर तोड़ दी थी। लालव्रत सुरक्षा बलों के कैंप पर हमले का आरोपी था और कई राज्यों की पुलिस उसे लंबे समय से तलाश रही थी। वहीं नक्सल प्रभावित चंदौली के नौगढ़ थानाक्षेत्र के हिनौत गांव में विगत ख्0 नवंबर ख्00ब् को जिलेटिन की छड़ों की मदद से ही नक्सलियों ने जंगल में कॉम्बिंग करने जा रही जवानों से भरी पीएसी की ट्रक उड़ा दी थी। इस घटना में क्म् जवान शहीद हुए थे। ये सूबे में हुई सबसे बड़ी नक्सली वारदात थी।