लखनऊ (ब्यूरो)। चैत्र नवरात्र पर माता के भक्तों की श्रद्धा और उत्साह देखते ही बन रहा है। बुधवार को नवरात्र के आठवें दिन मां भगवती के महागौरी स्वरूप की पूजा और आराधना की गई। पुजारियों द्वारा मंदिरों में श्रृंगार और हवन आदि अनुष्ठान का आयोजन किया गया। लोगों ने घरों में हलवा-चना व पूड़ी बनाकर मां को भोग लगाया। दूसरी ओर मां के भक्तों ने भी घरों में हवन करने के साथ मां की आराधना की।

मंदिरों में मां का भव्य श्रृंगार

नवरात्र के पावन अवसर पर पूर्वी देवी मंदिर में मां का महागौरी रूप में भव्य श्रंृगार किया गया। वहीं शाम को महाआरती के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया। चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर ने मां सिंह पर सवार होकर भक्तों को दर्शन दिए। इसके अलावा चौक स्थित छोटी-बड़ी कालीजी मंदिर, दुर्गा मंदिर, घसियारी मंडी स्थित काली मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में मां का भव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान भक्तों की भीड़ देखते ही बन रही थी। वहीं, महिला व्रतियों द्वारा मां के मंगल गीत गाए गए। इस दौरान हर एक ने मां आदि शक्ति से कोरोना वायरस संकट के जल्द समाप्त होने के साथ परिवार में सुख व शांति की मंगल कामना की।

कंजिका पूजा का महत्व

नवरात्र के दौरान नवमी पर भक्तों द्वारा कन्या पूजन भी किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार 2-11 वर्ष तक की कन्या की पूजा का ही विधान है। इसके लिए 9 कन्याओं के साथ एक बालक को भी बैठाकर पूजन किया जाता है। पूजन के लिए सभी के पैरा धुलाकर आसन पर बैठाएं, माथे पर कुमकुम लगाने के बाद भोग लगायें। भोजन के बाद सामर्थय अनुसार दक्षिणा या उपहार देने के साथ पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।

ऐसे करें मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न

मां की उपासना से सर्व सिद्धि की प्राप्ति होती है। भक्त को चाहिए के स्नानादि के बाद संकल्प करते हुये मां की मूर्ति या तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाने के साथ मां को कमल का फूल अर्पित करें। जो भी फल या भोजन मां को अर्पित करें वह लाल वस्त्र में लपेट कर दें। मां को अधिक प्रसन्न करने के लिए नारियल, खीर, नैवेद्य और पंचामृत का भोग लगाएं। इसी के साथ व्रत का पारण भी करें।