वाराणसी (ब्यूरो) मीरजापुर में नवरात्र के नौवें दिन मां विंध्यवासिनी के दरबार में आस्थावानों की भीड़ उमड़ पड़ीभक्त दर्शन पूजन के लिए श्रद्धाभाव से पहुंचेभक्तों ने सुख-शांति व समृद्धि की कामना के साथ मां के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री देवी का दर्शन पूजन कियाविंध्याचल क्षेत्र मां विंध्यवासिनी, मां शेरावाली के जयकारे से गुंजायमान रहामां के मनोहारी रूप का दर्शन पाकर भक्त निहाल हो उठेनौ दिनों का तक व्रत रहने वाले लोगों ने मां का विधिविधान से पूजन -अर्चन किया

विंध्याचल धाम में भोर में मंगला आरती के पूर्व ही भक्त स्नान के बाद लाइन में लग गए थेमंगला आरती के बाद भ1त मां के जयकारे के साथ दर्शन के लिए आगे बढऩे लगेहाथ में नारियल, चुनरी, माला-फूल प्रसाद के साथ कतारबद्ध श्रद्धालु मां की भ1ित में लीन दिखेदर्शन पूजन का क्रम अनवरत चलता रहामां विंध्यवासिनी के दर्शन- पूजन के बाद मां की आराधना के साथ ही नौ दिन व्रत रहने वाले भ1तों ने नवरात्र व्रत का पारायण कियाव्रती लोगों ने विधि विधान से कन्याओं का पूजन- अर्चन किया1तों ने कलश पूजा, नवग्रह, प्रसाद, नवरस यु1त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प व फल आदि मां को चढ़ाएपूजन- अर्चन के साथ वेद मंत्रोच्चार कियामान्यता है कि सिद्धिदात्री देवी के पूजन और यज्ञ से विशेष फल मिलता है.

आदिवासियों ने परंपरा का किया निर्वहन

विंध्याचल में आदिवासी जनजाति के लोगों ने परंपरा के अनुसार नवमी के दिन मां विंध्यवासिनी का दर्शन- पूजन कियाइनकी सुविधा के लिए प्रशासन ने आम दर्शनार्थियों का दर्शन 30 मिनट तक रोक दिया था.

नवमी पर हवन पूजन

नवरात्र के नौवें दिन भ1तों ने घरों में विधि- विधान से पूजा- अर्चना कीइसके बाद हवन कियामहानवमी पर घर में हवन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैहवन में औषधीय पदार्थों की आहुति देने पर उनकी गंध से आसपास का वातावरण स्वच्छ हो जाता है.

मां के चरणों में श्रद्धा से नवाया शीश

नवरात्र में अष्टमी की रात में मां विंध्यासिनी के दर्शन- पूजन के बाद भ1तों ने त्रिकोण यात्रा कीत्रिकोण यात्रा के दौरान मां अष्टभुजा और मां काली के चरणों में भ1तों ने शीश नवायात्रिकोण मार्ग मां शेरावाली, मां अष्टभुजा व मां काली के जयकारे से गुंजायमान रहा.