लखनऊ (ब्यूरो)। आखिरकार फैजुल्लागंज समेत आठ गांवों में रहने वाले एक लाख से अधिक लोगों को अब पीपे के पुल से आजादी मिलने जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पुल के स्थान पर ब्रिज बनाए जाने की घोषणा किए जाने के बाद यहां के निवासी खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। लोग चाहते हैं कि अब बस जल्द से जल्द इस ब्रिज का निर्माण शुरू करा दिया जाए।

आजादी से पहले का बना है पुल

गोमती नदी के मेहंदी घाट पर बना पीपे का पुल आजादी से पहले का बना था। काफी पुराना होने और गुजरते वक्त के साथ अब यह जर्जर हालत में पहुंच चुका है। इस पुल के मेंटीनेंस के लिए प्रस्ताव तो कई बार बना था, लेकिन अभी तक इस दिशा में काम नहीं शुरू हो सका था। लोगों की ओर से मांग की जा रही थी कि इस पुल का मेंटीनेंस कराया जाना चाहिए, जिससे लाखों लोगों को राहत मिल सके।

छह साल से जर्जर हालत में

पिछले छह-सात साल से इसकी हालत खराब है। जगह-जगह लकड़ी के पट्टे टूट गए हैं और उनके बीच में गैप हो गया है, जिससे इस पर चलना आसान नहीं है। पुल के नीचे लगे लोहे के एंगल भी जर्जर हो गए हैं। जिसकी वजह से किसी दिन भी हादसा होने का खतरा मंडरा रहा था।

इन इलाकों को कनेक्ट करता है पुल

यह पुल दाउद नगर, गौरा भीत, फैजुल्लागंज, घैला समेत कई क्षेत्रों को कनेक्ट करता है। गोमती के इस पार या उस पार जाने के लिए लोगों को इसी पीपे के पुल का सहारा लेना पड़ता है। जो लोग इस पुल से नहीं आते-जाते हैं, उन्हें छह से आठ किमी घूमकर जाना पड़ता है। यहां प्रॉपर पुल के बन जाने से चौक, ठाकुरगंज आदि क्षेत्रों से पुरनिया एवं आईआईएम रोड इत्यादि क्षेत्र में आना-जाना आसान हो जाएगा।

नवंबर से शुरू हो सकता है काम

इस पुल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। शासन की ओर से इस ब्रिज का बजट इत्यादि भी स्वीकृत कर दिया गया है और अब जल्द ही टेंडर संबंधी प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। पूरी संभावना है कि नवंबर माह में इस पुल का काम शुरू हो जाएगा।

बोले लोग

लंबे समय से पुल जर्जर हालत में है। जिसकी वजह से यहां से गुजरने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नया ब्रिज बनने के बाद निश्चित रूप से लाखों लोग लाभांवित होंगे।

-ममता त्रिपाठी

पुल की स्थिति बेहद खराब है। यहां से गुजरने के दौरान खासी सावधानी बरतनी पड़ती है। अब नया ब्रिज बनने से कई इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।

-अखिलेश अवस्थी

लंबे समय से पुल का मेंटीनेंस कराए जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी, लेकिन अब तो यहां नया ब्रिज बनने जा रहा है, जिसका जनता को सीधा फायदा मिलेगा। कई इलाके सीधे कनेक्ट हो जाएंगे, जिससे लोगों का समय भी बचेगा।

-मुरली प्रसाद वर्मा

बस अब तो इंतजार है उस दिन का, जब से नया ब्रिज बनने का काम शुरू होगा। नया ब्रिज बनने से अब लोगों को घूमकर अपनी मंजिल की ओर नहीं जाना पड़ेगा। अभी तो स्थिति बेहद खराब थी।

-राम बिलास शर्मा