- गवर्नर राम नाईक ने एमबी क्लब को लेटर लिखकर दिया निर्देश

- लेटर की कॉपी मौलाना डॉ। कल्बे सादिक को भेजी

- मौलाना को एमबी क्लब में उनके पारम्परिक परिधान पहनने के कारण नहीं मिली थी एंट्री

LUCKNOW: गवर्नर राम नाईक ने एमबी क्लब को लेटर लिखकर क्लब के ड्रेस कोड में भारतीय वेश-भूषा को शामिल करने का निर्देश दिया है। गवर्नर ने एमबी क्लब के सेक्रेटरी को लिखे लेटर में कहा है कि क्लब के पदाधिकारियों व सदस्यों की शीघ्र बैठक बुलाकर क्लब के सदस्यों अतिथियों के लिए क्लब की नियमावली में निर्धारित की गयी वेश-भूषा में आवश्यक संशोधन करते हुए उसमें परम्परागत भारतीय वेश-भूषा को शामिल करें।

अंग्रेजों का थोपा ड्रेस कोड है एमबी क्लब का

उन्होंने कहा है कि शीघ्र कार्रवाई करके इससे उन्हें अवगत भी कराया जाए। गवर्नर ने लेटर की कॉपी मौलाना डॉ। कल्बे सादिक को भेजी है। गवर्नर ने अपने लेटर में कहा है कि क्लब की नियमावली में सदस्यों व अतिथियों के लिए जो ड्रेसकोड तय की गई है, वह अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर थोपी वेश-भूषा है। इसे देश की आजादी के इतने वर्षो बाद भी भारतीयों पर थोपने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि परम्परागत भारतीय परिधान पहनकर आने की मनाही संसद, राज्यों के विधानमंडलों, राजकीय समारोहों में भी नहीं है।

बाई लॉज में किया जा सकता है बदलाव

राम नाईक ने लिखा है कि एमबी क्लब की ओर से दिये गये जवाब में बताया गया है कि समय-समय पर क्लब के बाई लॉज में निर्धारित वेश-भूषा को मौजूदा प्रथा और परिस्थितियों को देखते हुए संशोधित किया जाता है। इसी के तहत जींस और कॉलर्ड टी-शर्ट को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में यह उचित प्रतीत होता है कि अब एमबी क्लब में भी आधुनिक स्वतंत्र भारत की संस्कृति के अनुसार भारतीय परम्परागत वेश-भूषा को भी निर्धारित ड्रेस कोड में स्थान मिलना चाहिए।

क्या था मामला

मालूम हो कि इसी महीने की 12 तारीख को एमबी क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में मौलाना कल्बे सादिक को सिर्फ इस बात पर जाने से रोक दिया गया था क्योंकि वह पारंपरिक वेश-भूषा में थे। उन्होंने एमबी क्लब के ड्रेसकोड का पालन नहीं किया था। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए गवर्नर ने एमबी क्लब को नोटिस भेजा था।