लखनऊ (ब्यूरो)। गोमती नगर के विपिन खंड स्थित ताज होटल के पीछे ग्रीन बेल्ट पार्क के गेट सोमवार से आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे। इसको लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने तैयारी पूरी कर ली है। जल्द ही पार्क का ड्रोन सर्वे कराया जाएगा, जिसके बाद इसमें सौंदर्यीकरण का काम शुरू होगा। पार्क को किस रूप में विकसित किया जाएगा और इसमें सुविधाएं कैसी होंगी, इसके लिए आम जनता से भी सुझाव लिए जाएंगे।

ताज होटल से वापस ली गई थी ग्रीन बेल्ट

एलडीए द्वारा दि इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड (ताज होटल) को आवंटित की गई ग्रीन बेल्ट की 14.217 एकड़ जमीन बीते बुधवार वापस ले ली गई थी। एलडीए ने यह जमीन होटल प्रबंधन को 25 वर्षों की लीज पर दी थी। लीज अवधि समाप्त होने और होटल प्रबंधन द्वारा लीज शर्तों का उल्लंघन किये जाने पर वीसी अक्षय त्रिपाठी ने इसका आवंटन निरस्त करते हुए इसे सार्वजनिक पार्क के रूप में विकसित किए जाने का आदेश दिया था। वीसी के इस निर्णय से लखनऊ वासियों को गोमती नगर में एक नया पार्क मिल गया है।

सुबह 6 से रात 9 बजे तक एंट्री

अधिशासी अभियंता उद्यान अवनीन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह से पार्क के गेट आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे। पार्क में लोगों की एंट्री पूरी तरह नि शुल्क रहेगी और इसकी टाइमिंग सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक होगी। पार्क के गेट पर सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए हैं और साफ-सफाई एवं जल छिड़काव के लिए कर्मचारियों को लगाया गया है।

पार्किंग एरिया का दायरा बढ़ेगा

वीसी ने बताया कि पार्क में वाहनों की पार्किंग के लिए जगह है। लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए भविष्य में पार्किंग स्थल का क्षेत्रफल बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा पार्क के मुख्य गेट पर भव्य प्रवेश द्वार बनवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पार्क के गेट व अन्य स्थानों पर साइनेज बोर्ड लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।

बच्चे तय करेंगे किड्स जोन का स्वरूप

वीसी ने बताया कि यह पार्क पूरी तरह से जनता के लिए है। लिहाजा लोगों से सुझाव लेकर ही पार्क को संवारने का काम किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा संचालित अन्य पार्कों की तरह यहां भी क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। पार्क में आने वाले लोग इस क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन करके अपने सुझाव दे सकेंगे। इसके अतिरिक्त यहां किड्स जोन भी विकसित किया जाएगा, जिसके लिए स्कूली बच्चों को पार्क में भ्रमण कराकर उनकी पसंद जानी जाएगी। बच्चों की ओर से दिए जाने वाले सुझावों के आधार पर तुरंत कदम उठाए जाएंगे।