लखनऊ (ब्यूरो)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन से जुड़े चार एजेंटों के घरों पर रेड मारी। मदेयगंज थाना से महज कुछ दूरी पर बड़ी पकरिया इलाके में इन्होंने अपना ठिकाना बनाया हुआ था। बुधवार सुबह पांच बजे एनआईए की टीम इनके घर पहुंची और पूरी गली को सील कर दिया। एनआईए ने पैरा मिलट्री फोर्स और महिला पुलिसकर्मियों के साथ रेड मारी।

इन लोगों के खंगाले घर

खदरा के पकरिया इलाके में सुबह चार गाड़ियों से एनआईए की टीम पहुंची। इस दौरान पुलिस की टीम भी मौजूद रही। टीम अफसर, मास्टर शमीम, डॉक्टर ख्वाजा और मौलाना जमील के घर पहुंची। करीब छह घंटे तक चली छापेमारी के दौरान एनआईए ने मुख्य रूप से चार लोगों से घंटों पूछताछ की। उनके मोबाइल फोन, घर से मिली डायरी, कट्टरपंथी साहित्य और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए गए। इसके बाद सभी को मदेयगंज थाने में ले जाकर घंटों पूछताछ की गई। जांच में सामने आया कि डॉ। ख्वाजा चिकित्साधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हैं।

छावनी में तब्दील हुआ मोहल्ला

सुबह 5 बजे से एनआईए ने इन घरों में डेरा डाला हुआ था। बाहर भी पैरामिलिट्री फोर्स के अलावा पुलिस फोर्स तैनात थी। गली के दोनों साइड पुलिस का कड़ा पहरा था, बिना वेरिफिकेशन के किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। मोहल्ले में हर कोई हैरान था कि आखिर यहां ऐसा क्या हो गया, जिससे पुलिस ने इस एरिया को छावनी बना दिया। सुबह करीब 11.15 बजे तक टीम ने चारों घरों से अहम दस्तावेजों को जब्त किया। जिसके बाद सभी को टीम ने हिरासत में लेकर घंटों पूछताछ की।

करते थे कट्टरपंथी धाार्मिक सभाएं

सूत्रों के मुताबिक, चारों के वहदत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े होने के कई सबूत मिले हैं। ये लोग लखनऊ समेत पश्चिमी यूपी, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मदरसों, मस्जिदों और मुसाफिर खाना में कट्टरपंथी धार्मिक सभाएं करते थे। वे सभाओं में लोगों को कट्टरपंथी बनाते थे और कट्टरपंथी साहित्य वितरित करते थे। इसके अलावा कई अन्य दस्तावेज भी मिले हैं। जमील मौलाना है। ये लोग जमील को भी साथ में लेकर जाते थे। एनआईए दस्तावेजों को जब्त कर इनका वहदत-ए-इस्लामी संगठन से लिंक खंगाल रही है।

मोबाइल में मिले कई सबूत

जांच के दौरान एनआईए को कई सबूत मिले हैं। इनमें सबसे अहम सुराग मोबाइल में मिला है। फॉरेंसिक जांच के लिए मोबाइल को भेज दिया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि मोबाइल से काफी डेटा डिलीट भी हुआ है। जिसे अब एजेंसी रिकवर करने का प्रयास कर रही है। हालांकि, पूछताछ के बाद एनआईए ने सभी को छोड़ दिया। वहीं, इस दौरान मोहल्ले वालों को इसकी भनक लगी तो उनमें रोष था, कई लोगों का कहना था सभी को झूठा फंसाया जा रहा है।

युवाओं को कट्टरता की तरफ धकेलते हैं संगठन

भारत में हाल ही में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), एक और बैन समूह सिमी व वहदत-ए-इस्लामी का लिंक मिल रहा है। एनआईए की तरफ से सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है। इन कट्टरपंथी संगठनों का काम मुस्लिम युवाओंं को कट्टरता के रास्ते पर धकेलना रहता था, जिसकी वजह से इनको बैन कर दिया गया था।