लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां राजधानी में नियम विपरीत निर्माण हो रहे हैैं, वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे भी निर्माण सामने आए हैैं, जिनमें बेसमेंट की खोदाई के दौरान नियमों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। जिसकी वजह से कंस्ट्रक्शन साइट्स के आसपास स्थित मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। हैरानी की बात तो यह है कि बेसमेंट की खोदाई कराने वाले ज्यादातर लोगों को इसका न तो अनुभव है न ही कोई ज्ञान। अब एलडीए की ओर से ऐसी साइट्स को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है साथ ही डेवलपर्स को बेसमेंट की खोदाई के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया जाएगा। जिससे भविष्य में किसी तरह की घटना सामने न आए।

हादसे दर हादसे

1-जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट ताश के पत्तों की तरह ढह गया था। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी। इस मामले में भी सामने आया था कि इमारत के बेसमेंट में खोदाई का कार्य किया जा रहा था, जिसकी वजह से हादसा हुआ।

2-तीन दिन पहले गोलागंज अंतर्गत गुईन रोड में एक बिल्डर की ओर से मानक के विपरीत बेसमेंट की खोदाई कर दी गई थी। इसकी वजह से आसपास स्थित एक दर्जन मकानों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है। अब एलडीए की ओर से लैैंड फिलिंग का कार्य कराया जा रहा है।

3-दो दिन पहले महानगर स्थित एक निजी बिल्डर की ओर से बेसमेंट की खोदाई कराई जा रही थी। देखते ही देखते यहां भी बेसमेंट में पानी भर गया, जिसके कारण आसपास फ्लैट्स में रहने वाले लोग सकते में आ गए।

आवासीय और कॉमर्शियल दोनों जगह समस्या

राजधानी में चाहे आवासीय प्रोजेक्ट हो या कॉमर्शियल, ज्यादातर में बेसमेंट की खोदाई के दौरान नियमों की अनदेखी की जा रही है। सबसे ज्यादा लापरवाही आवासीय प्रोजेक्ट्स में देखने को मिल रही है। अभी तक ज्यादातर मामले आवासीय प्रोजेक्ट्स से जुड़े हुए ही सामने आए हैैं। इसकी वजह से खतरा और भी ज्यादा है। दरअसल, ज्यादातर आवासीय प्रोजेक्ट्स रिहायशी एरिया में ही डेवलप होते हैैं, ऐसे में अगर बेसमेंट की खोदाई नियम विपरीत होती है तो साफ है कि वहां पहले से तैयार आवासीय बिल्डिंग्स और मकानों के लिए बड़ा खतरा बन जाता है, जिसकी वजह से लोग दहशत में आ जाते हैैं, जैसे अभी हाल फिलहाल गोलागंज गुईन रोड में देखने को मिला।

मानचित्र के विपरीत खोदाई

जब एलडीए की ओर से किसी भी कंस्ट्रक्शन साइट का मानचित्र पास कराया जाता है तो उसमें इस बात का भी जिक्र होता है कि बेसमेंट की गहराई कितनी होगी और उसके आधार पर ही मानचित्र स्वीकृत किया जाता है। ज्यादातर निर्माणकर्ताओं की ओर से मानचित्र तो पास करा लिया जाता है और जब उनकी ओर से साइट का निर्माण शुरू कराया जाता है तो मौके पर नियम और मानकों की अनदेखी कर दी जाती है। जिसकी वजह से स्थिति बेहद खतरनाक हो जाती है। अभी तक दो से तीन मामले ऐसे सामने आ चुके हैैं।

तैयार कराई जा रही रिपोर्ट

बेसमेंट से रिलेटेड लगातार सामने आ रहे मामलों को देखते हुए एलडीए की ओर से फिलहाल सभी तरह के निर्माणों में बेसमेंट की खोदाई पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि प्राधिकरण की टीमें मौके पर जाकर बेसमेेंट खोदाई की रिपोर्ट भी तैयार कराएंगी। रिपोर्ट तैयार करते वक्त देखा जाएगा कि जो बेसमेंट की खोदाई चल रही है क्या वो नियम और मानक के अनुरूप है कि नहीं। अगर मानक के अनुरूप नहीं है तो तत्काल उस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। वीसी की ओर से यह भी निर्णय लिया गया है कि जो भी बिल्डर हैैं या डेवलपर्स हैैं, उन्हें बेसमेंट की खोदाई की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे वो नियम के अनुरूप ही बेसमेंट की खोदाई कर सकें और दूसरे आवासीय साइट्स के लिए कोई खतरा उत्पन्न न हो सके।

कुछ मामले सामने आए हैैं, जिससे यह स्पष्ट हुआ है कि कंस्ट्रक्शन साइट्स में नियम विरुद्ध बेसमेंट की खोदाई की जा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि जो लोग बेसमेंट की खोदाई करा रहे हैैं, उनमें से अधिकतर को इसका अनुभव तक नहीं है। ऐसे में अब प्राधिकरण की ओर से उन्हें इस दिशा में ट्रेनिंग दी जाएगी।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए

बेसमेंट समेत किये जा रहे अवैध निर्माण को किया सील

एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी के निर्देश पर अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रवर्तन जोन-1 की टीम ने गोमती नगर में बेसमेंट बनाकर किये जा रहे एक अवैध व्यवसायिक निर्माण को सील कर दिया।

अपर ग्राउंड फ्लोर विकसित हो रहा था

प्रवर्तन जोन-1 की जोनल अधिकारी प्रिया सिंह ने बताया कि गोमती नगर के विश्वास खंड में स्थित शिवाजी मार्केट में प्राधिकरण द्वारा दुकानें निर्मित करके लोगों को आवंटित की गई थी। यहां अशोक कुमार राय, विनोद कुमार राय व अन्य द्वारा मार्केट की दुकान संख्या-25, 26, 27 एवं 28 को तोड़कर बरामदे की जगह मिलाते हुए लगभग 60 वर्गमीटर क्षेत्रफल में अवैध तरीके से व्यवसायिक निर्माण कराया जा रहा था। निरीक्षण में पाया गया कि निर्माणकर्ताओं द्वारा स्थल पर बेसमेंट के लिए गड्ढे की खोदाई कराकर अपर ग्राउंड फ्लोर विकसित किया जा रहा है। उक्त अवैध निर्माण के विरुद्ध विहित न्यायालय द्वारा वाद संख्या-386/2023 योजित करते हुए सीलिंग के आदेश पारित किये गये थे। इसके अनुपालन में सहायक अभियंता अवधेश कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने निर्माणाधीन परिसर को सील करते हुए पुलिस अभिरक्षा में सौंप दिया।