- समिति ने प्रस्ताव को चीफ सेक्रेटरी के पास भेजा

LUCKNOW: सचिवालय में चपरासी बनने के इच्छुक सवा 23 लाख कैंडीडेट्स की उम्मीदों को झटका लगा है। भर्ती को लेकर बनायी गयी उप समिति ने चीफ सेक्रेटरी से भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर फिर से शुरू करने को कहा है। कमेटी ने अंतिम निर्णय के लिए प्रस्ताव को चीफ सेक्रेटरी के पास भेजा है। समिति ने पाया कि अगर पुरानी नियमावली के तहत लिखित परीक्षा कराई जाती है तो अभ्यर्थी कोर्ट की शरण ले सकते हैं, क्योंकि भर्ती प्रोफार्मा में सिर्फ इंटरव्यू का जिक्र है।

बड़े पैमाने पर आवेदन आने के बाद शासन ने 16 सितंबर को एक उप समिति का गठन किया था। समिति को यह बताना था कि भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में कौन-कौन से तरीके अपनाए जा सकते हैं। सचिव सचिवालय प्रशासन प्रभात मित्तल की अध्यक्षता वाली उप समिति में कार्मिक व न्याय विभाग के एक-एक विशेष सचिव को भी शामिल किया गया था। शुक्रवार को समिति की बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई थी। मंगलवार को करीब एक घंटे चली बैठक में समिति से जुड़े लोगों का मानना था कि अगर साक्षात्कार कराया जाता है और दस बोर्ड भी बनाए जाते हैं तो इस प्रक्रिया में ही चार साल तक लग सकता है। न्यूनतम कक्षा पांचवी पास की योग्यता पर होने वाली भर्ती में उच्च शिक्षा प्राप्त आवेदकों को भी प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता है। पीएचडी, बीटेक और उच्च शिक्षा प्राप्त आवेदकों से ही यह भर्ती सरकार के लिए चुनौती बन गई थी।

कुल पद 368

कुल अभ्यर्थी 23,24,887

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आवेदकों की शैक्षिक योग्यता

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पांचवीं तक पास 53426

छठी तक पास 3797

सातवीं तक पास 3964

आठवीं तक पास 199504

कक्षा नौ तक पास 9495

हाईस्कूल तक पास 1,12,1059

ग्यारहवीं पास 1224

इंटरमीडिएड 7,50,377

स्नातक 1,52,730

परास्नातक 24969

पीएचडी 255

अन्य 1405

योग्यता का उल्लेख नहीं 2681

न्यूनतम योग्यता पांचवी भी पास नहीं- एक

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किस वर्ग के कितने अभ्यर्थी

अनारक्षित 708264

अन्य पिछड़ा 984238

अनुसूचित जाति 613141

अनुसूचित जनजाति 19369