- लाटूश रोड पर दिनभर रेंगता रहता है ट्रैफिक

- पार्किग का प्रस्ताव पास, वर्षो से पार्किग का विकल्प नहीं

- डिवाइडर पर जगह-जगह कट खुले होने से लगता है जाम

- 50 हजार वाहन आते है मार्केट में हर रोज

- 2 हजार से अधिक दुकानें हैं

- 40 फीट चौड़ी रोड है दोनों लेन पर

- 8 फीट ही रोड बचती है चलने के लिए

LUCKNOW : लाटूश रोड शहर का सबसे व्यस्तम इलाका है। यहां हर दिन लाखों की संख्या में लोग शहर और बाहर से खरीदारी करने आते हैं। लाटूश रोड होलसेल और फुटकर कारोबार के लिए फेमस है। इसके बाद भी यहां न तो स्मूथ ट्रैफिक की व्यवस्था है और न ही प्रॉपर पार्किंग की। रोड पर अतिक्रमण, अवैध टैंपो, ऑटो और ई रिक्शा स्टैंड की भरमार है। यहां रोड करीब 40 फीट की है जबकि चलने को महज 8 फीट ही बचती है। इतना ही नहीं यहां दुकानदारों ने रोड पर ही अपनी दुकानें सजा दी हैं।

रोड पर फैला है अतिक्रमण का जाल

लाटूश रोड की दोनों लेन 30 से 40 फीट चौड़ी है। 40 फीट रोड पर गाडि़यों के चलने के लिए महज 8 फीट रोड बचती है। फुटपाथ पर दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। फुटपाथ के बाद दो लेन में टैंपो, ऑटो और ई रिक्शा का कब्जा रहता है। आधी से ज्यादा रोड स्टैंड और फुटपाथ व्यापार में तब्दील हो गया है जबकि पब्लिक को चलने के लिए महज 7 से 8 फीट की रोड मिलती है।

रोड पर चल रही दुकानें

फुटपाथ पर अतिक्रमण करने वाले दुकानदार रोड तक दुकान चला रहे हैं। लाटूश रोड में आने वाले लोगों के लिए पार्किग नहीं है। हालांकि यहां आने वाले लोग कैसरबाग बारादरी में अपनी गाड़ी पार्क कर ई रिक्शा से मार्केट आते हैं। रोड इतनी सकरी है कि आम लोगों को पार्किग की कोई अलग से व्यवस्था नहीं है। रोड पर टैंपो और ऑटो के कब्जे के चलते लोगों का पैदल चलना तक मुश्किल होता है।

लाटूश रोड में पार्किग की नहीं है व्यवस्था

लाटूश रोड बाजार इलेक्ट्रानिक्स, हार्डवेयर, सेनेटरी, आ‌र्म्स, क्राकरी, कपड़े की होलसेल की बड़ी मार्केट है, जहां शहर के साथ-साथ कई शहरों के लोग खरीदारी को आते हैं। हालांकि मार्केट में न तो पार्किग की व्यवस्था है और न ही लोगों के वाहनों को पार्क करने के लिए कोई जगह दी गई है। दुकानदार से लेकर खरीदार तक रोड पर गाड़ी पार्क करते हैं। रोड पर ऑटो, ई रिक्शा और टैंपो ड्राइवर की अराजकता बयां नहीं की जा सकती है।

जाएं तो जाएं कहां

लाटूश रोड अमीनाबाद से जुड़ा हुआ है। लाटूश रोड शहर की बड़ी मार्केट में शुमार है। यहां कई प्रकार के थोक और फुटकर का कारोबार होता है। हजारों खरीदार हर दिन आते हैं। उनकी पार्किग की कोई सुविधा नहीं है। अमीनाबाद के झंडे वाले पार्क में पार्किग सुविधा है, लेकिन वहां गाड़ी को पार्क करने की संख्या बहुत कम है। इसके अलावा कैसरबाग सब्जी मंडी को हटाकर वहां पार्किग बनाने की योजना है, जिससे लाटूश रोड की ट्रैफिक समस्या से बहुत हद तक निजात मिल सकती है।

बातचीत-

लाटूश रोड शहर की सबसे बड़ी मार्केट है। यहां पर दवा से लेकर हार्डवेयर, आ‌र्म्स समेत कई बड़े कारोबार होते हैं। हजारों व्यापारियों के साथ हजारों कर्मचारी भी काम करते हैं। ऐसे में रोड पर जाम लगा रहेगा तो ग्राहक दुकानों तक कैसे पहुंचेगा। जाम के चलते ही जल्दी कोई लाटूश रोड आना नहीं चाहता है। इससे कारोबार को भी नुकसान हो रहा है। कारोबार को बचाने के लिए पार्किग और ट्रैफिक की समस्या को सॉल्व करना बहुत जरूरी है।

- मंजर अली, दवा व्यापारी, लाटूश रोड

अभियान चलाकर चालान और जुर्माना करना कोई विकल्प नहीं है। सबसे पहले जिम्मेदार डिपार्टमेंट को पार्किंग की सुविधा देनी चाहिए। मार्केट में आने वाले ग्राहक और व्यापार को आने वालों की गाडि़यों के लिए कोई प्रॉपर जगह नहीं है तो जाम लगाना संभव है। कोई व्यापारी खुद जाम नहीं लगवाता है। आखिर अपनी गाड़ी कहां पार्क करें। यह व्यवस्था सिस्टम की है और उन्हें ही सॉल्व करना होगा।

-एके अग्रवाल, इलेक्ट्रानिक्स कारोबारी, लाटूश रोड

लखनऊ में पार्किग की बहुत प्रॉब्लम है। शहर की कई ऐसी मार्केट हैं, जहां पार्किग की कोई व्यवस्था नहीं है। व्यापार मंडल की जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस के साथ होने वाली मीटिंग में यह मुद्दा हर बार उठाया जाता है। व्यापारी हर तरह से सहयोग करने को तैयार हैं। डिपार्टमेंट के पास कोई स्कीम है तो उसे बताएं। कैसरबाग सब्जी को हटाकर वहां पर पार्किग बनाने के लिए प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो सका।

- अमितेन्द्र गुप्ता, बिजनेस मैन, लाटूश रोड

लाटूश रोड पहले से कम चौड़ी है, इसके बाद वहां पार्किग की कोई व्यवस्था नहीं है। लाटूश रोड मार्केट में शहर के साथ-साथ बाहरी जनपदों से भी व्यापारी आते हैं। ऐसे में उनकी सुविधा के लिए पार्किग की व्यवस्था की जाए तो शायद व्यापार को भी फायदा मिलेगा। पार्किग व्यवस्था नहीं होने के चलते लोग रोड पर दो से तीन लेन में गाड़ी पार्क कर देते हैं, जिससे यहां दिन भर लोगों को जाम से जूझना पड़ता है।

-अजय कुमार, व्यापारी लाटूश रोड