लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के आई विभाग में अब मरीजों को एडवांस तकनीक से ट्रीटमेंट मिलेगा। खासतौर पर डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे ऐसे मरीज जिनको मोतियाबिंद की भी समस्या है। नेत्र विभाग में ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) मशीन लगाई गई है, जिससे चंद मिनटों में जांच हो जायेगी। इस मशीन से होने वाली तीन तरह की जांचों के लिए फीस तय कर दी गई है। हर जांच के लिए 500 रुपये देने होंगे। यह सुविधा इसी माह से शुरू कर दी जायेगी। ऐसे में मरीजों को एक बड़ी राहत मिलेगी।

रिएक्शन का खतरा

डायबिटीज की वजह से मोतियाबिंद के मरीजों की सही जांच करना संभव नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से ऐसे मरीजों को काफी परेशानी होती है। इस मशीन की मदद से डायबिटीज मरीजों की जांच करना संभव होगा और ऑॅपरेशन में आसानी होगी। केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक मरीज दिखाने आते हैं, जिसमें करीब 50 से अधिक मरीज डायबिटीज से ग्रसित होते हैं। अभी तक आंख में चोट लगने या फिर डायबिटीज वाले मरीजों में कन्वेंशनल लूरेसिन एंजियोग्राफी का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक में मरीज की आंखों में आईड्रॉप डालकर फोटोग्राफ लिए जाते हैं। इसके बाद उसे डाई का इंजेक्शन देकर आंख की फोटोग्राफ की जाती हैं। इस पूरी प्रक्रिया में समय लगने के साथ ही डाई का उपयोग होने से एलर्जी का खतरा भी होता है। डायबिटीज वाले मरीजों में यह समस्या और ज्यादा होती है।

दो मिनट में पूरी जांच

एडवांस ओसीटी एंजियोग्राफी में जांच के लिए किसी प्रकार की डाई देने की जरूरत नहीं होती है। इसके सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही आंखों के भीतर 10 लेयर तक की फोटो ली जा सकती है। जिससे ब्लड फ्लो कैसा है इसके बारे में आसानी से पता चल जाता है। यह जांच सिर्फ दो मिनट में ही हो जाती है। इस मशीन को करीब 10 लाख रुपये की लागत से विभाग में लगाया गया है। ऐसे में डायबिटीक रेटिनोपैथी के मरीजों के डायग्नोसिस करने में बड़ी मदद मिलेगी।

जांच शुल्क

एचडी कॉर्निया-500 रुपए

इंटीरियर चैंबर-500 रुपए

ओसीटी एंजियोग्राफी-500 रुपए

ओसीटी मशीन की वजह से अब सामान्य के साथ ही डायबिटीज से पीडि़त मरीजों की जांच और इलाज में आसानी होगी, जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा।

-डॉ। सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू