लखनऊ (ब्यूरो)। इस काम के लिए शासन ने स्टेट लेवल ओवरसाइट कमेटी का गठन किया था। रिपोर्ट के अनुसार यूपी के हर थाने में 15 सीसीटीवी कैमरे लगवाये जाने हैं। इस पर लगभग 300 करोड़ का खर्च आएगा, जिसे 100 करोड़ प्रति वर्ष के हिसाब से बांटकर 3 वर्षों में पूरा किया जाएगा।

ऑडियो रिकार्डिंग की भी सुविधा
अभी तक थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे में केवल वीडियो कैप्चर होती है। वहीं डीवीआर में एक सप्ताह या एक माह से ज्यादा का रिकार्ड स्टोर नहीं रहता है, लेकिन यह कैमरे लगने के बाद वीडियो के साथ-साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग की होगी। इसके अलावा 18 माह तक रिकॉर्डिंग का बैकअप डीवीआर में रहेगा। दरअसल, आम लोगों की शिकायत रहती है कि थाने में पुलिस कर्मियों का व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं रहता है। इसकी वीडियो से पुष्टि नहीं हो पाती है। टेक्नोलॉजी से लैस इन कैमरों से यह समस्या दूर होगी।

ऑनलाइन हो सकेंगी मॉनीटरिंग
अभी थाने में तीन से चार सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिससे पूरी तरह निगरानी संभव नहीं हो पाती है। ऐसे में 15 नये कैमरे लगने से परिसर के चप्पे-चप्पे की निगरानी होगी। साथ ही हेड क्वार्टर में बैठे अधिकारी सीसीटीवी के जरिये ऑनलाइन थाने की हर गतिविधि को देख और सुन भी सकेंगे।

जल्द शुरू हो जाएगा काम
डिस्ट्रिक्ट लेवल ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट के बाद सीसीटीवी लगने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। इसको लेकर जनवरी व फरवरी में दो बार मीटिंग भी हो चुकी हैै। जानकारों की मानें तो नंवबर तक लखनऊ समेत यूपी के सभी थानों में हाईटेक कैमरे से निगरानी की व्यवस्था शुरू हो जाएगी।