लखनऊ (ब्यूरो)। डीजीपी ने नए पुलिस अफसरों को बताया कि जिला में पोस्टिंग के समय अधिकतर अधिकारी क्राइम और कानून-व्यवस्था पर ध्यान देते हैं। ट्रैफिक व्यवस्था पर उनका इतना ध्यान नहीं जा पाता है। अगर नए अधिकारी अपने-अपने जिलों में ट्रैफिक की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कुछ काम करे तो उसको हमेशा सराहा जाएगा। इस मौके पर डीजीपी ने पुलिस विभाग के लोगों के यातायात नियम के उल्लंघन करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जब पुलिसकर्मी यातायात नियमों को उल्लंघन करते हैं तो उससे खराब संदेश जाता है।

कई चौराहे जोड़े जाएंगे आईटीएमएस से
यातायात माह के इस कार्यक्रम के दौरान मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बताया कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम हो रहा है। आईटीएमएस प्रणाली लागू होने से काफी बदलाव आया है। आने वाले समय में शहर के कई और चौराहों को आईटीएमएस प्रणाली से जोड़ा जाएगा। लखनऊ जोन के डीजी एसएन साबत ने इस मौके पर बताया कि प्रति वर्ष सड़क हादसे में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है। उन्होंने बताया कि विदेशों में सड़क हादसे की संख्या भरत से अधिक है पर मौत के आंकड़े कम हैं। इस मौके पर उन्होंने मंडलायुक्त से लखनऊ में एक यातायात पार्क खोलने का भी आग्रह किया। इस पार्क में यातायात से संबंधित जानकारी लोगों को दी जाएगी और पार्क में आने वाले लोगों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया जा सकता है।

ट्रैफिक पॉलिसी डीविजन बनाया जाए
प्रदेश के यातायात पुलिस के एडीजी ज्योति नारायण ने बताया कि ट्रैफिक सिस्टम एक बड़ा विषय बना रहा है। हाल में ही यूएन में भी इसको अपनी एजेंडे में शामिल किया है। उन्होंने बताया कि यूएन में 2030 से देश भर में सड़क हादसों में 50 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा है। एडीजी ने बताया कि अब जरूरत आ गई है कि हर जिलें में ट्रैफिक को लेकर एक पॉलिसी डीविजन बनाया जाए जो यातायात-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम करे।

कंसल्टेंसी की ली जाएगी मदद
यातायात माह के मौके पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि नागपुर और पुणे में यातायात-व्यवस्था को बेहतर बनाने में वहां की पुलिस को मदद करने वाली एक कंसल्टेंसी जल्द ही लखनऊ आएगी। इस कंसल्टेंसी की मदद से ट्रैफिक सिस्टम को और कैसे बेहतर बनाया जाए इस पर काम किया जाएगा। उन्होंने शहर के लोगों से अपील की है कि लोग सोशल मीडिया के माध्यम से अपने सुझाव भी दे सकते हैं। इस मौके पर डीके ठाकुर ने बताया कि अक्सर वीआईपी मूवमेंट की वजह से लोगों को परेशानी होती है, पर हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जितनी कम देर के लिए ट्रैफिक को रोका जाए उतना ही बेहतर होगा।