- चार दिन से लगातार उल्टियां होने के बाद बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने पर जांच में पता चला

- गोमती नगर के एक निजी अस्पताल में हुआ ऑपरेशन

रुष्टयहृह्रङ्ख : मासूम बच्चे के साथ मां-बाप की लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डेढ़ वर्षीय मासूम खेल-खेल में चुंबकनुमा 65 मोतियों वाली माला निगल गया। इससे उसकी जान पर बन आई। हैरानी की बात है यह है कि परिवारजन को इसकी जानकारी चार दिनों तक नहीं हो सकी, जबकि बच्चा लगातार उल्टियां कर रहा था और रो रहा था। बावजूद इसके उसे अस्पताल नहीं ले गए।

हालत गंभीर होने पर पहुंचे हॉस्पिटल

जब बच्चे की हालत काफी गंभीर हो गई तो परिवारजन उसे गोमती नगर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए जहां पर उसे डिहाइड्रेशन की शिकायत के चलते भर्ती किया गया। डॉक्टरों के अनुसार परिवार के लोग बच्चे की तबीयत खराब होने के पीछे कोई सटीक हिस्ट्री नहीं बता सके। इसके बाद बच्चे की गहन जांच कराई तो माला के मोती आपस में चिपके दिखाई दिए। यह देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। डॉ। सुनील कनौजिया के अनुसार एक्सरे करने पर उसके पेट में माला नजर आई। तब भी परिवारजन को भरोसा नहीं हुआ। अभिभावक घर में किसी भी तरह की माला न होने की बात बताने लगे।

पांच घंटे चला ऑपरेशन

पेट में चीरा लगाने के दौरान उपकरण उसमें चिपकने लगे, जिससे पता चला की माला चुंबकयुक्त है। इसके बाद डॉक्टरों ने लोहे के उपकरण का सहारा लिया। आंत में चुंबक के मोती आपस में चिपक गए थे। इससे आंतों की चाल भी गड़बड़ा गई और उसमें कई सुराख हो गए। ये मोती छोटी और बड़ी आंत दोनों में पहुंच गए थे। इससे छोटी आंत में पांच और पेट के पीछे हिस्से में एक सुराख हो गया था। पांच घंटे चले ऑपरेशन के बाद सभी मोतियों को निकाला गया। अब बच्चे की तबीयत ठीक है। वह खाना भी खा रहा है। डॉक्टरों ने कहा कि विशेषकर पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों को अकेले में न छोड़ें। उनके खेलते समय पूरा ध्यान रखें। कोई भी ऐसी वस्तु उनके आसपास न रखें, जिसे वह निगल सकें।