- नए सेशन से एडमिशन में लागू होगी नई गाइडलाइन

LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी अब एमफिल कोर्स में मनमाने एडमिशन नहीं ले सकेगी। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) की ओर से जारी नई गाइड लाइन में नियमों को और सख्त कर दिया गया है। जो स्टूडेंट्स पीएचडी में एडमिशन लेने से चुक जाते हैं, वह एमफिल में एडमिशन लेने को तरजीह देते हैं। ताकि उनका करियर पटरी पर बना रहे। इसी को लेकर यूजीसी ने पीएचडी की तरह एमफिल के लिए भी गाइड लाइन जारी की है। ताकि एमफिल में भी अच्छे स्टूडेंट्स को मौका दिया जा सके।

एक प्रोफेसर पर तीन स्टूडेंट्स

यूजीसी की नई गाइड लाइन के अनुसार अब एक प्रोफेसर अपने निर्देशन में तीन स्टूडेंट्स को ही एमफिल करा सकता है। इसी के तहत एक एसोसिएट प्रोफेसर अधिकतम दो तथा असिस्टेंट प्रोफेसर अधिकतम एक एमफिल स्टूडेंट का ऑब्जर्वर या सह पर्यवेक्षक बन सकते हैं। ऐसे में अब यूनिवर्सिटी में मौजूदा टीचर्स के सापेक्ष ही एमफिल में एडमिशन लिये जाएंगे।

बढ़ सकती हैं एमफिल की सीटें

अभी तक यूजीसी की ओर से एमफिल को लेकर कोई विशेष गाइड लाइन न होने की वजह से एलयू में केवल दो से तीन कोर्सेज में ही एमफिल कोर्स संचालित होता था। लास्ट सेशन में एडमिशन के दौरान हिंदी, इंग्लिश और सोशलवर्क डिपार्टमेंट में कोर्सेज का संचालन हो सका था। पर, इसमें भी एडमिशन में काफी देरी हुई थी। अब यूजीसी की गाइड लाइन आने से एलयू पहले से सभी डिपार्टमेंट में एमफिल कोर्स शुरू करने के लिए सीटों की गणना कर सकता है। साथ ही उनसे इस बारे में प्रस्ताव भी मांग सकता है।

कोट

इस सेशन की एडमिशन प्रक्रिया में इसे पूरी तरह से फालो किया जाएगा। अभी तक किसी नए डिपार्टमेंट ने एमफिल कोर्स शुरू करने के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा है।

प्रो। अनिल मिश्रा, एडमिशन कोऑर्डिनेटर, एलयू