लखनऊ (ब्यूरो)। डग्गमार बसों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बाद भी इनमें कमी नहीं आ रही है। चालान और बंद किये जाने के बाद बस मालिक अपने वाहनों को छुड़ा कर फिर से डग्गामारी शुरू कर देते हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, पिछले 26 दिनों में लखनऊ में 33 डग्गेमार वाहनों का चालान किया गया। इनमें अधिकांश बसों के विरुद्ध चालान और बंद किये जाने की कार्रवाई की जा चुकी है। ऐसे वाहनों को ब्लैक लिस्ट में डालने की तैयारी की जा रही है। बार-बार पकड़े जाने पर इन बसों का पंजीयन तक निरस्त किये जाने की कार्रवाई के लिए पत्र परिवहन विभाग को लिखा गया है।

बिहार से लेकर दिल्ली तक संचालन
आरटीओ चेकिंग दल के अधिकारियों के अनुसार, बिहार से लेकर दिल्ली तक डग्गमार बसों का संचालन किया जा रहा है। इन बसों में यात्रियों को सस्ते टिकट का लालच देकर ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है। चेकिंग के दौरान ऐसी बसों का चालान किया जाता है और उन्हें बंद किया जाता है। लेकिन बस संचालक अपनी बसें छुड़वा कर फिर डग्गेमारी शुरू कर दे रहे हैं। ऐसे में, डग्गेमारी पर लगाम लगाना आसान नहीं है। लखनऊ से रोजाना 1200 से अधिक डग्गामार बसें विभिन्न जिलों के लिए गुजरती हैं। इनमें मु_ी भर बसों की ही चेकिंग हो पाती है। अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन वीके सिंह ने बताया कि अनियंत्रित डग्गेमारी रोकने के लिए जुर्माने का शुल्क बढ़ा दिया गया है। पर डग्गेमारी पर अभी भी लगाम नहीं लग पा रही है। बार-बार डग्गेमारी करने वाली बसों का पंजीयन निरस्त करने पर विचार चल रहा है