लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में अपने मकान व व्यवसाय के लिए अपनी दुकान का सपना संजोए लोगों को एलडीए ने बड़ी सौगात दी है। इसके तहत लोग अब प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में रिक्त फ्लैटों व दुकानों को 25 से 35 प्रतिशत धनराशि का अग्रिम भुगतान करके 10 वर्ष की आसान किश्तों पर ले सकेंगे। आवंटियों को अग्रिम भुगतान करने पर ही संपत्ति का कब्जा दे दिया जाएगा और वे इसका उपयोग कर सकेंगे। यह निर्णय एलडीए की अध्यक्ष डॉ। रोशन जैकब की अध्यक्षता में शनिवार को हुई प्राधिकरण बोर्ड की 178वीं बैठक में लिया गया। इस मौके पर प्राधिकरण के वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, सचिव पवन कुमार गंगवार भी मौजूद रहे।

आम जनता के लिए 35 प्रतिशत

वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में रिक्त फ्लैटों व दुकानों को 10 वर्ष की आसान किश्तों पर बेचा जाएगा। सरकारी-अर्द्ध सरकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को फ्लैट के मूल्य की 25 प्रतिशत धनराशि तथा जन सामान्य को 35 प्रतिशत धनराशि जमा कराने पर अनुबंध करते हुए फ्लैट का कब्जा दे दिया जाएगा तथा शेष धनराशि 10 वर्ष की आसान किश्तों में देनी होगी। वहीं, दुकानों के लिए निर्धारित मूल्य की 25 प्रतिशत धनराशि का अग्रिम भुगतान करके कब्जा प्राप्त किया जा सकेगा तथा शेष रकम किश्तों में देनी होगी।

एक से अधिक प्लॉट्स जोड़कर बनाये जा सकेंगे भवन

इसके अलावा अब नियोजित एवं स्वीकृत योजना में आवासीय उपयोग के लिए दो प्लॉट्स एवं व्यवसायिक उपयोग के लिए चार प्लॉट्स को जोड़कर भवन का निर्माण कराया जा सकेगा। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा आमेलन शुल्क लेकर मानचित्र स्वीकृत किये जाने के प्रस्ताव को बोर्ड द्वारा हरी झंडी दी गयी है। वीसी ने बताया कि आवासीय के लिए प्रचलित सर्किल रेट का एक प्रतिशत, कार्यालय तथा अन्य उपयोग के प्लॉट्स पर दो प्रतिशत तथा व्यवसायिक उपयोग के प्लॉट्स के लिए तीन प्रतिशत आमेलन शुल्क लगेगा।

प्लॉट्स का हो सकेगा उपविभाजन

वीसी ने बताया कि इसी तरह प्राधिकरण द्वारा नियोजित एवं स्वीकृत योजनाओं में आवासीय एवं अनावासीय प्लॉट्स के उपविभाजन के प्रस्ताव को भी बोर्ड द्वारा पास किया गया है। इसके अंतर्गत 100 वर्गमीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल के प्लॉट्स का उपविभाजन किया जा सकेगा। यह व्यवस्था उन्हीं प्रकरणों में लागू होगी जिनमें आवासीय प्लॉट्स न्यूनतम नौ मीटर चौड़ी रोड तथा अनावासीय प्लॉट्स न्यूनतम 12 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित हों। इसके लिए आवेदनकर्ता को शमन उपविधि के अनुसार सब डिवीजन चार्ज तथा विकास शुल्क नियमावली के अनुसार शुल्क प्राधिकरण को देना होगा।

अनियोजित क्षेत्र में भवनों का नक्शा हो सकेगा पास

वीसी ने बताया कि मास्टर प्लान के अतिरिक्त अनियोजित क्षेत्र में स्थित ऐसे मुख्य मार्ग जिनका निर्माण व मेंटीनेंस शासकीय संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है, वहां स्थित सम्पत्तियों का नक्शा भी अब प्राधिकरण द्वारा निस्तारित किया जाएगा। बैठक में रखे गये इस प्रस्ताव को भी बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है।

लंबे समय से अनिस्तारित

प्राधिकरण की कई योजनाओं में ऐसे अपार्टमेंट्स हैैं, जिनमें फ्लैट्स लंबे समय से नहीं बिक रहे हैैं। इसकी वजह से प्राधिकरण की ओर से 25 और 35 प्रतिशत राहत की सुविधा दी गई है। प्राधिकरण को उम्मीद है कि इस निर्णय से लोग रिक्त फ्लैट्स की बुकिंग को लेकर उत्साह दिखाएंगे।