नंबर गेम
2867 रजिस्टर्ड स्कूली वाहन राजधानी में
877 रजिस्टर्ड स्कूली बस
2000 के करीब स्कूली वैन रजिस्टर्ड
2700 स्कूली वैन बिना रजिस्ट्रेशन चल रहीं
300 स्कूली वैन भी अवैध तरीके से चल रही हैं
- जीपीएस और सीसीटीवी से अपने स्कूली वाहन पर नजर रखेंगे वाहन मालिक
- स्कूली वाहन मालिकों को अपने मोबाइल से लिंक करने होंगे जीपीएस और सीसीटीवी
LUCKNOW: स्कूली वाहनों में मासूमों की सुरक्षा वाहन मालिकों के हाथ ही होगी, जल्द इसके आदेश जारी होंगे। वाहन मालिकों को अपने वाहन में लगे सीसीटीवी और जीपीएस को अपने मोबाइल से कनेक्ट करना होगा और मोबाइल से वाहन की निगरानी करनी होगी। पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी जब इन वाहनों की डिटेल मांगेंगे तो उन्हें यह डिटेल उपलब्ध करानी होगी।
देनी होगी सीसीटीवी फुटेज
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्कूली वाहनों में लगे जीपीएस और सीसीटीवी को स्कूली वाहन मालिकों को अपने स्मार्ट फोन से कनेक्ट करना होगा। जिन स्कूलों के वाहन चलते हैं, उन्हें स्कूल में कंट्रोल रूम बनाना होगा। वहीं परमिट लेकर चलने वाले प्राइवेट स्कूली वाहन मालिकों को खुद ही अपने वाहनों पर नजर रखनी होगी। स्कूली वाहनों में सफर करने वाले स्टूडेंट्स या टीचर्स यदि शिकायत करते हैं, तो वाहन के मालिक को उस समय का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराना होगा। सभी स्कूली वाहनों को कम से कम एक माह पुरानी रिकार्डिग अपने पास रखनी होगी।
चलाया गया था अभियान
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि स्कूली वाहनों में जीपीएस और सीसीटीवी लगाए जाने के लिए इस माह बीते दो संडे को अभियान चलाया गया। वाहनों को फिटनेस ग्राउंड बुलाया गया था। जो वाहन मौके पर नहीं पहुंचे, उनकी स्कूलों और वाहन मालिकों के घर में जाकर जांच की गई। करीब 60 फीसद वाहनों में सीसीटीवी और जीपीएस लगाए जाने का काम हो गया है।
नहीं आएगा अतिरिक्त खर्च
विभागीय अधिकारियों के अनुसार सीसीटीवी पर निगरानी के लिए स्कूली वाहन मालिकों पर कोई खर्च भी नहीं आएगा। इस नई व्यवस्था से वे न सिर्फ अपने वाहन पर नजर रख सकेंगे बल्कि ड्राइवर की करतूतों को भी आसानी से देख सकेंगे।
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ड्राइवर नहीं दे सकेंगे धोखा
इस सुविधा के शुरू होने से स्कूली वाहन चालक अपने मालिकों को धोखा नहीं दे सकेंगे। अगर वे रूट बदलकर गाड़ी चलाएंगे या जरूरत से ज्यादा बच्चों को उसमें भरेंगे तो वाहन मालिक अपने मोबाइल से ही इसका पता कर लेगा।
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स्कूली वाहनों के सीसीटीवी को वाहन मालिक अपने स्मार्ट मोबाइल से लिंक करा कर उन पर नजर रख सकते हैं। इससे उन्हें अपने वाहन की लोकेशन का पता चलता रहेगा। फिटनेस ग्राउंड पहुंचने वाले स्कूली वाहन मालिकों को स्पष्ट किया गया है कि वे अपने वाहन में निगरानी की व्यवस्था करें।
संजय तिवारी, एआरटीओ
परिवहन विभाग