लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू अपने ब्लड बैंक को लगातार अपग्रेड कर रहा है। ऐसे में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के मरीजों को प्योर एंड सेफ ब्लड उपलब्ध कराने के लिए हाई टेक एक्स-रे रेडिएटर मशीन लगाने जा रहा है। जो ब्लड में मौजूद अशुद्धियों को दूर करने का काम करेगी। यह देश में एम्स के बाद केजीएमयू ब्लड बैंक में लगने वाली दूसरी हाईटेक मशीन होगी। ऐसे में उन मरीजों को अधिक फायदा मिलेगा जिनको बार-बार ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।

करीब दो करोड़ की मशीन

ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की एचओडी प्रो। तुलिका चंद्रा के मुताबिक, आज के दौर में प्योर एंड सेफ ब्लड उपलब्ध कराना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसके लिए संस्थान में वीसी डॉ। बिपिन पुरी के निर्देशन में एक्स-रे रेडिएटर मशीन लगने जा रही है। यह मशीन करीब दो करोड़ की आती है। चूंकि ब्लड में ल्यूको साइट और साइटोकाइन या डब्ल्यूबीसी समेत अन्य जो समस्या होती है, उनको यह मशीन हटा देती है। जिससे रिएक्शन होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। इसके अलावा कई तरह के वायरस जैसे साइटो मेग्लो वायरस होते हैं, जो करीब 90 फीसदी लोगों में पाए जाते हैं। पर ऐसे 10 फीसदी लोग जिनमें यह वायरस नहीं होता, अगर उनमें यह ट्रांसफ्यूजन से पहुंच जाये तो उनको नुकसान हो सकता है। ऐसे में ट्रांसफ्यूजन के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

इनके लिए फायदेमंद

प्रो। तुलिका के मुताबिक, जिनको बार-बार खून चढ़ता है, उनके लिए इस मशीन का उपयोग सबसे अधिक फायदेमंद है। खासतौर पर थैलेसीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया, ल्यूकीमिया हीमोफिलीया आदि बीमारियों से जूझ रहे मरीजों में यह अधिक फायदेमंद है। इसकी एक कमी बस है कि इससे ब्लड की शेल्फ लाइफ 42 दिन से घटकर 21 दिन ही रह जाती है। ऐसे में हर किसी में इसका प्रयोग नहीं किया जायेगा। केवल डिमांड आने पर इसका इस्तेमाल किया जायेगा, चूंकि इसकी रनिंग कॉस्ट नहीं है। महज 5 मिनट में पूरा प्रोसेस हो जाता है। यह तकनीक देश में एम्स के बाद केजीएमयू ब्लड बैंक में होगी।

ब्लड बैंक में एक्स-रे रेडिएटर मशीन लगेगी। इससे उन मरीजों को सेफ ब्लड चढ़ सकेगा, जिन्हें बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है। एम्स के बाद हमारे यहां मशीन लगेगी।

-प्रो। तुलिका चंद्रा, केजीएमयू