लखनऊ (ब्यूरो)। बसंत पंचमी का पर्व राजधानी में श्रद्धा पूर्वक धूमधाम से मनाया गया। विद्या की देवी मां सरस्वती का पूरे विधि-विधान के साथ पूजन किया गया। पूजन मंदिरों, बंगाली समाज से लेकर संस्थानों तक में किया गया। इसके बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया।

पूजन किया गया

केजीएमयू में मां शारदालय में 111वां मां सरस्वती पूजन के अवसर पर वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने दर्शन एवं पूजन कर पुष्प अर्पित किए और छात्र छात्राओं के कार्यो की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनायें दीं। सरस्वती पूजा के उपरांत यज्ञ एवं प्रसाद वितरण का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर रंग बिरंगी रंगोलियां भी बनाई गई।

होलिका का खंभ लगाया

मनकामेश्वर मंदिर में ज्ञान की देवी सरस्वती मां का पूजन किया गया। इसके साथ ही होलिका का खंभ भी मंदिर के पास चौक पर लगाया गया। खंभ स्थल को गेंदे के फूलों की रंगोली से आकर्षक रूप से सजाया गया था। 11 पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ महंत देव्यागिरि ने खंब लगाया। मार्च की पूर्णिमा पर वहां होलिका दहन किया जाएगा। बाबा मनकामेश्वर महादेव का अभिषेक श्रृंगार कर उन्हें तहरी का भोग लगा कर उसका प्रसाद वितरण किया गया।

आनंद में डूबे भक्त

श्री श्री राधा रमण बिहारी मंदिर में बसंत पंचमी के अवसर पर विशेष श्रृंगार दर्शन एवं कथा का श्रवण का आयोजन किया गया। देर शाम तक भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहा। मंदिर अध्यक्ष अपरिमेय श्याम प्रभु ने शहरवासियों को बसंत पंचमी एवं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आये हुए भक्तों से प्रतिदिन गीता पढऩे का संकल्प दिलाया।

महानगर में लगा बटुकों का कौतिक

श्री रामलीला समिति ने बसंत पंचमी पर महानगर रामलीला पार्क में गायत्री मंत्र के स्वरों के पाठ के बीच वैदिक रीति से बटुकों ने कर्णछेदन कर जनेऊ धारण किया। इससे पूर्व उत्तराखंड की परम्परानुसार बसंत पंचमी पर समिति के कार्यकर्ताओं ने अरंड केपेड़ की डाल को लगाकर होली पर्व की शुरुआत की। यज्ञोपवीत संस्कार में आये बटुकों के परिवारीजनों, महिलाओं ने मैदान पर होली गायन कर झोड़ा नृत्य की प्रस्तुति दी।