लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी में आने वाले समय में स्थायी लाइसेंस के लिए पूरी तरह ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट होगा। इससे आरटीओ में होने वाले ड्राइविंग टेस्ट में पास-फेल करने के खेल पर रोक लगेगी। बरेली में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक से टेस्ट लिए जा रहे हैं। यह जानकारी 100 दिन पूरे होने पर परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने मंगलवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी। 75 बसों को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शहीदों के नाम पर चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब वाहनों का फिटनेस भी ऑटोमेटेड व्यवस्था के तहत लिया जा सकेगा। इसके लिए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की मानक संचालन प्रक्रिया निर्धारित हो रही है। विवाह और मेले आदि प्रयोजन के लिए एक सप्ताह की अवधि के लिए स्पेशल परमिट ऑनलाइन मिलेगा। वाहन स्वामी डिजिटल हस्ताक्षर के बाद पोर्टल से परमिट डाउनलोड कर सकता है।

75 शहीदों के नाम से बसें
उन्होंने कहा कि जल्द ही 150 नई बसों को निगम के बेड़े में शामिल किया जाएगा, जिसमें 75 बसें आजादी के अमृत महोत्सव में 75 शहीदों के नाम से और 75 बसों को धार्मिक स्थलों तक चलाया जाएगा। फिरोजाबाद एवं उरई में एक सारथी हाल का निर्माण कराया गया। उन्होंने बताया कि हम कई जिलों में बस अड्डे शहर के बीचोबीच से हटा कर बाहरी इलाकों में बनाने पर काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार पहली बार परिवहन विभाग में ओटीएस की सुविधा दे रही है। ओटीएस में 916 करोड़ रुपये माफ किए गए। 1.66 लाख वाहनों की आरसी कटी थी। उन्होंने कहा कि लर्निंग लाइसेंस के बनने में अभी थोड़ी दिक्कत आ रही है, लेकिन इसे दूर किया जाएगा। बरेली, अलीगढ़ और झांसी में डीटीटीआई का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। 16 जिलों में इसे लागू किया है। 12200 गांव ऐसे हैं जहां बसे नहीं चलती हैं। इनमें से सात हजार गांवों तक बसे चलाने की प्रक्रिया चालू है।