-पुष्पलता छाबड़ा हत्याकांड का पुलिस ने किया राजफाश

-भतीजे ने नौकर से कराई थी कॉन्ट्रैक्ट किलिंग

-आई नेक्स्ट की पड़ताल पर पुलिस ने लगाई मुहर: प्रॉपर्टी बनी मौत की वजह

LUCKNOW: वो पुष्पलता को चाची कहता थासीतापुर निवासी नौकर सुरेंद्र उर्फ दीपू आठ साल से मकान के दूसरे हिस्से में रहने वाले भतीजे हरीश के यहां नौकरी कर रहा थापुष्पलता उसे घर का ही मेंबर मानती थी। पर, क्या पता था कि दीपू ही एक दिन उनकी जान का दुश्मन बन बैठेगा। आखिरकार भ्0 हजार रुपये के लालच में उसने पुष्पलता की हत्या करने का कॉन्ट्रैक्ट ले लिया और रविवार शाम को उसने बेहद दरिंदगी से उन्हें मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद मूड चेंज करने के लिये वह बैंग बैंग मूवी देखने चला गया। पर, जब पुलिस ने पूरे हत्याकांड की पर्ते उधेड़नी शुरू की तो यह मामला प्रॉपर्टी के लिये कॉन्ट्रैक्ट पर कराई गई हत्या का निकला। जिसके बाद पुलिस ने हत्याकांड की साजिश रचने वाले मृतका के भतीजे चंद्रकुमार छाबड़ा और आरोपी नौकर सुरेंद्र उर्फ दीपू को अरेस्ट कर लिया।

दम घोटकर की गई थी हत्या

हजरतगंज स्थित स्कूल ड्रेस डीलर रामप्रकाश एंड ब्रदर्स की मालकिन पुष्पलता छाबड़ा (70) हुसैनगंज के क्ले स्क्वायर स्थित मकान के एक हिस्से में अकेली रहती थीं। उनके पति जगदीश चंद्र छाबड़ा की मौत हो चुकी है। इसी मकान के दूसरे हिस्से में उनके भतीजे बलदेव छाबड़ा और हरीश छाबड़ा रहते हैं। बलदेव के मुताबिक, रविवार शाम करीब पांच बजे वह घर से बाजार जाने के लिये निकले थे। उस वक्त उनकी चाची पुष्पलता सूखे कपड़े उतार रही थीं। शाम करीब 7.फ्0 बजे जब वे वापस लौटे तो चाची पुष्पलता के हिस्से में लाइट बंद देख उनका माथा ठनका। बलदेव ने चाची को आवाज लगाई पर, भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा भी भीतर से बंद था। आखिरकार वे मकान के बगल वाले रास्ते से मकान के पिछले हिस्से में पहुंचे जहां पुष्पलता की किचन का दरवाजा खुला हुआ था। वे किचन के रास्ते भीतर दाखिल हुए और वहां पहुंचकर लाइट ऑन की। जहां बेडरूम में बेड पर पुष्पलता की लाश पड़ी हुई थी। उनके सिर व सीने के चारों तरफ खून बिखरा हुआ था।

नौकर पर गहराया शक

योजना भवन से चंद कदमों की दूरी पर सरेशाम हुई इस सनसनीखेज घटना से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। जानकारी मिलने पर डीआईजी आरके चतुर्वेदी, एसएसपी प्रवीण कुमार त्रिपाठी और तमाम आला पुलिस ऑफिसर्स मौके पर पहुंचे। घटना के खुलासे के लिये एसपी क्राइम दिनेश कुमार सिंह, एसपी ईस्ट राजेश कुमार और सीओ हजरतगंज राजेश श्रीवास्तव को जुटाया गया। जांच में जुटे ऑफिसर्स ने बॉडी के बगल में खून से सनी शर्ट बरामद की। जांच में पता चला कि वह शर्ट मकान के दूसरे हिस्से में रहने वाले भतीजे हरीश के नौकर सुरेंद्र उर्फ दीपू की थी। पुलिसकर्मियों ने उसकी तलाश की तो पता चला कि वह घर से गायब है। घर की पड़ताल में दीपू के धुले हुए कपड़े बरामद हुए, इन कपड़ो को हाल ही में धोया गया था और धुलने के बावजूद उसमें खून लगा हुआ था। दीपू पर शक यकीन में बदल चुका था। पुलिस टीमें उसकी तलाश में जुट गई। इसी बीच देररात दीपू घर वापस लौटा। पूछताछ में पता चला कि वह तो फिल्म देखने गया था। पुलिस टीमों ने उससे सख्त पूछताछ शुरू की। इस पूछताछ में दीपू टूट गया और उसने सच कबूलना शुरू कर दिया।

खुलासे ने रिश्ते को कर दिया शर्मसार

पूछताछ के दौरान दीपू ने बताया कि उसने यह हत्या पुष्पलता के सबसे छोटे भतीजे चंद्रकुमार छाबड़ा के कहने पर की थी। इसके लिये चंद्रकुमार ने उसे भ्0 हजार रुपये देने का वायदा किया था। इस कबूलनामे के बाद पुलिस चंद्रकुमार को पूछताछ के लिये ले आई। पूछताछ के दौरान चंद्रकुमार ने बताया कि उसकी नि:संतान चाची पुष्पलता के पास अरबों रुपये की संपत्ति थी। ख्0क्क् में उसने चुपचाप पुष्पलता से उनकी सारी संपत्ति की वसीयत अपने नाम करवा ली। उसने इस बात की भनक भाइयों बलदेव और हरीश को भी नहीं लगने दी। चंद्रकुमार ने बताया कि हाल के दिनों में पुष्पलता से उसके संबंध ठीक नहीं थे और उनकी करीबी उसके बड़े भाइयों बलदेव और हरीश से बढ़ रही थी। उसे इस बात का डर था कि कहीं पुष्पलता अपनी संपत्ति की पुरानी वसीयत कैंसिल कराकर बलदेव और हरीश के नाम पर नई वसीयत न कर दें। चंद्रकुमार ने बताया कि इसी डर से उसने चाची पुष्पलता को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली।

खून निकलने से बिगड़ गया गेम

एसएसपी प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि चंद्रकुमार की योजना थी कि दीपू के जरिए पुष्पलता की दम घोंटकर हत्या करा दी जाए। यह मौत देखने में स्वाभाविक लगेगी और कोई उस पर शक भी नहीं करेगा। पर, दीपू ने जैसे ही बेड पर सो रही पुष्पलता के मुंह पर तकिया रखा वह जाग गई और उन्होंने दीपू से संघर्ष शुरू कर दिया। जिसके बाद दीपू ने उनके चेहरे पर ताबड़तोड़ कई मुक्के मारे और उनके सीने पर बैठकर उनका मुंह तकिया से दबा दिया। जिससे पुष्पलता का ब्लड प्रेशर बढ़ गया और उनके फेफड़ो में अंदरूनी चोट आने से बेतहाशा ब्लीडिंग शुरू हो गई। जिस वजह से चंद्रकुमार की इसे स्वाभाविक मौत दिखाने की यह योजना फ्लॉप हो गई।