लखनऊ (ब्यूरो)। मोहर्रम को लेकर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर ली है। मोहर्रम पर शाही जरी जुलूस के दौरान शहर में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के लिए इस बार चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रहेगी। पुलिस मुख्यालय की ओर से शहर में 5369 पुलिस कर्मी समेत पीएसी, आरएएफ, पीआरवी व होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई है।

इनको किया गया तैनात

संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) कानून एवं व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मोहर्रम को लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की ओर से 06 डीसीपी, 18 एडीसीपी, 53 एसीपी, 132 इंस्पेक्टर्स, 677 पुरुष दरोगा, 49 महिला दरोगा, 1972 मुख्य आरक्षी/पुरष आरक्षी, 439 महिला आरक्षी, 656 होमगार्ड, 17 कम्पनी पीएसी, 02 कम्पनी आरएएफ, 79 पीआरवी (चार पहिया वाहन) व 80 पीआरवी (दो पहिया वाहन) की तैनाती की गई है। इसके अलावा मुख्यालय स्तर से 12 एएसपी, 34 डीएसपी, 40 इंस्पेक्टर्स, 175 पुरुष दरोगा, 10 महिला दरोगा, 596 मुख्य आरक्षी/ आरक्षी, 500 प्रशिक्षु दरोगा, 11 कम्पनी पीएसी व 02 कम्पनी आरएएफ भी हैं।

49 जोन व 116 हॉटस्पॉट चिह्नित

जेसीपी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मोहर्रम को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर शहर को 49 जोन व 106 सेक्टर्स में बांटा गया है। इसके अलावा जुलूस के आने-जाने के मार्गों पर कुल 116 हॉटस्पॉट चिह्नित किये गये हैं। संवेदनशील इलाकों में विशेष रूप से अतिरिक्त पुलिस की तैनाती रहेगी। वहीं, संवेदनशील इलाकों और जुलूस आने-जाने के मार्ग पर 5 ड्रोन से निगरानी की जायेगी। इसके अलावा वीडियोग्राफी टीमें भी सीसीटीवी के साथ लगातार रिकॉर्डिंग करती रहेंगी। वहीं सभी थानों को संगत क्षेत्रों में लगातार फ्लैग मार्च व रूट मार्च करने का आदेश दिया गया है।

अप्रिय घटना से निपटने की तैयारी

किसी भी तरह की अप्रिय व आतंकी गतिविधि की आशंका को देखते हुए एटीएस कमांडोज की दो टीमों की भी तैनाती की गई है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट से एक एटीएस कमांडो टीम लगाई गई है, वहीं मुख्यालय से भी एक टीम एटीएस कमांडो उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा 89 क्यूआरटी गठित की गई हैं। संवेदनशील इलाकों में एंटी सेबोटॉज चेक, एक्सेस कंट्रोल, क्लस्टर मोबाइल व डायल-112 के वाहन लगातार पेट्रोलिंग करेंगे। इसके अलावा दंगा नियंत्रण टीम का भी पूर्वाभ्यास कराया गया है।

सोशल मीडिया पर नजर

जेसीपी ने बताया कि मोहर्रम के दौरान सोशल मीडिया टीम भी पूरी तरह से सक्रिय रहेगी। इसके लिए सोशल मीडिया सेल में अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई है। इस दौरान फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स एप, इंस्टाग्राम आदि पर उपद्रवी एवं शरारती तत्वों द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रतिकूल पोस्ट/प्रतिक्रिया पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी।

पहली मुहर्रम आज, घरों में रखे गये ताजिया

मुहर्रम की पहली तारीख से पहले ही चौक इलाके में गमगीन माहौल नजर आने लगा है। एक ओर शिया समुदाय के लोग रंगीन लिबास छोड़ काले लिबास पहन मातम मनायेंगे, तो वहीं हजरत इमाम हुसैन अ.स। और उनके 72 साथियों की याद में पहली मुहर्रम को आसिफी इमामबाड़े से शाही जरीह का जुलूस निकाला जाएगा। जिसके लिए रूमी गेट का रास्ता खोल दिया गया है।

ताजियों की हुई खरीदारी

हजरत इमाम हुसैन अ.स। सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत के गम में शियों की आंखों से जार-ओ-कतार आंसू जारी हो गए। पुराने शहर के शिया बाहुलय क्षेत्रों में या हुसैनकी सदाएं गूंजने लगी हैं। शियों ने कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए रंग-बिरंगे कपड़े उतार कर काले कपड़े पहन लिए हैं। महिलाओं ने सुहाग की निशानी उतार कर काले लिबास पहन लिए। वहीं, अलम के लिए फूलों का सेहरा, इमामबाड़े के लिए फूलों के पटके और ताबूत के लिए फूलों की चादरों की भी खरीदारी शुरू हो गई। लोग घरों में ताजिए रखे गये है, जिसके लिए बुधवार देर रात तक ताजियों की खरीदारी जारी रही। मुहर्रम पर सुबह नमाज के बाद मजलिसों का दौर देर रात तक चलेगा। इसके अलावा शहर के कई हिस्सों में मजलिसें होंगी। हजरत इमाम हुसैन अ.स। और उनके 72 साथियों की याद में गुरुवार को शाही मोम की जरीह का ऐतिहासिक जुलूस निकाला जायेगा। यह जुलूस आसिफी इमामबाड़े से शाम को निकलकर देर रात छोटे इमामबाड़े पहुंच कर समाप्त होगा। इससे पहले मजलिस को मौलाना मो। अली हैदर खिताब करेंगे। वहीं, जुलूस के दौरान पुलिस की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।