लखनऊ (ब्यूरो)। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने में वैसे तो लखनवाइट्स किसी से कम नहीं हैं, पर राजधानी की सड़कों पर दौड़ने वाले ई-रिक्शा, थ्री व्हीलर ऑटो, ओला व उबर टैक्सी और सिटी बसों जैसे बड़े वाहन ट्रैफिक व्यवस्था की धज्जियां ज्यादा उड़ा रहे हैं। लखनऊ पुलिस इनका चालान करती है और कुछ गाड़ियों को सीज भी कर देती है, जिन्हें उठा कर पास के थाने या फिर ट्रैफिक लाइन में खड़ा किया जाता है। हालांकि, शहर के कई थानों में पहले से ही सीज गाड़ियों की भीड़ लगी हुई है, जिसके चलते अब नगर निगम ने शहर में जमीन मांगी गई है, ताकि यहां सीज की गईं गाड़ियों को खड़ा किया जा सके।

सीज गाड़ी करने में दिक्कत

जेसीपी उपेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, शहर में पॉलीटेक्निक और अवध चौराहे पर लाल पट्टी खींची गई है, जहां ई-रिक्शा, ऑटो और प्राइवेट बसों को खड़ा करना मना किया गया है। बावजूद इसके ये वाहन बार-बार यह नियम तोड़ रहे हैं, जिसके चलते जाम लगता है। कुछ ऐसे ही हालात शहर के कई चौराहों के हैं। इन वाहनों का चालान भी किया जाता है और कुछ को तो सीज भी किया जाता है, पर उसके बाद भी चालक मानने को तैयार नहीं हैं।

चालान का नहीं हो रहा असर

जेसीपी ने बताया कि थानों में पहले से ही सीज गाड़ियों को रखने की जगह नहीं है। दो डंपिंग यार्ड हैं, जो शहर के बाहर हैं। ट्रैफिक पुलिस ई -रिक्शा और डग्गामार बसों को सीज करती है तो उन्हें खड़े करने की कोई जगह नहीं होगी। ऐसे में हमारे कर्मी फिलहाल सिर्फ चालान ही कर रहे हैं, जिसका नियम तोड़ने वालों पर खास असर नहीं पड़ रहा है। कई बार नगर निगम के साथ हुई बैठक में शहर के बीच में जगह देने की बात उठाई गई है जहां इन सीज हुए ई-रिक्शा और बसों को खड़ा किया जा सके, लेकिन अब तक कोई जमीन नहीं मिल सकी है। इस वजह से ज्यादा सीलिंग की कार्रवाई नहीं हो पा रही है और नियम तोड़ने वाले वाहन शहर में जाम की समस्या खड़ी कर रहे हैं। शहर में दो जगहों पर जमीन मांगी गई है, ताकि सीज हुई गाड़ियों को वहां खड़ा किया जा सके।

ई-रिक्शा को लेकर की बैठक

वहीं दूसरी तरफ, इन दिनों ई-रिक्शा, ऑटो-टेंपो की अराजकता ट्रैफिक पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है। वे आए दिन ट्रैफिक वायलेशन कर रहे हैं। पुलिस इनका बार-बार चालान भी काटती है, बावजूद इसके कुछ सुधार होता नहीं दिख रहा है। बुधवार को जेसीपी लॉ एंड आर्डर ने डीसीपी ट्रैफिक के साथ मिलकर इस समस्या के निस्तारण को लेकर बैठक की, जिसमें कई अहम मुद्दों पर मंथन किया गया। इनकी अराजकता रोकने के लिए पुलिस ने ब्लूप्रिंट भी बनाया है।