लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने एरिया के हिस्ट्रीशीटर्स पर नजर रखें। पुलिस ऐसे क्रिमिनल्स की हिस्ट्रीशीट खोलती है जो कई अपराधों में लिप्त रहे हों और पुलिस ने उसके अपराधों का ब्यौरा थाने में दर्ज कर रखा हो। पुलिस किस भी अपराधी की हिस्ट्रीशीट खोलने से पहले उसकी आपराधिक स्थिति की पुष्टि करती है। जिन्हें दो या इससे अधिक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया हो। इसमें अधिकतर वे शामिल होते हैं जो महिला संबंधित अपराध, लूट, हत्या, चोरी, स्नेचिंग समेत जघन्य मामलों शामिल रहते हैं। पुलिस उनकी वर्तमान आपराधिक स्थिति की पुष्टि करती है और उनके नाम पर हिस्ट्रीशीट खोलती है।

अपराधी की पूरी कुंडली
जब एक अपराधी बार-बार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है। इस स्थिति में एसएचओ डीसीपी को रिपोर्ट भेज कर उनके आदेश आने पर अपराधी की हिस्ट्रीशीट खोली जाती है। हिस्ट्रीशीट में अपराधी की पूरी कुंडली होती है।

जिनसे लोग शिकायत से डरते हैं
इसके अलावा संगठित गिरोह चलाने वाले, जबरन वसूली करने वाले, बेहद शातिर लोग जिनकी शिकायत तक करने में लोग डरते हैं, उन पर भी पुलिस की नजर रखी जाती है। पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल और डेली डायरी एंट्री के आधार पर ऐसे व्यक्तियों की हिस्ट्रीशीट खोली जा सकती है।

हमेशा रहती है नजर
हिस्ट्रीशीटर की दो कैटेगरी होती है। कैटेगरी ए में चोरी, लूट, डकैती से संबंधित क्राइम से जुड़े अपराधी होते हैं। वहीं कैटेगरी बी में पेशेवर अपराधियों को रखा जाता है। ऐसे अपराधियों पर पुलिस की निरंतर निगरानी में रहेंगे।